भगवान के घर में भी भेदभाव! दलित बच्चों को मंदिर के बाहर दिया गया भोजन- वीडियो हुआ वायरल

Edited By Anu Malhotra,Updated: 26 Apr, 2022 10:12 AM

temple allegedly dalit children food temple outside

देश में एक बार फिर से उच्च और नीच जाति में उठे भेदभाव का मामला देखने को मिला। तमिलनाडु में मंदिर के बाहर छोड़े-छोटे बच्चों को इसलिए मंदिर में खाना नहीं खिलाया गया क्योंकि वह दलित जात से है।

चेन्नई: देश में एक बार फिर से उच्च और नीच जाति में उठे भेदभाव का मामला देखने को मिला। तमिलनाडु में मंदिर के बाहर छोड़े-छोटे बच्चों को इसलिए मंदिर में खाना नहीं खिलाया गया क्योंकि वह दलित जात से है। इसका एक वीडियो भी सामने आया है जिसमें देखा जा सकता है कि त्रिची के उथमार मंदिर में कुछ दलित बच्चों को कथित तौर पर खाना खाने के लिए मंदिर के बाहर फर्श पर बैठने के लिए मजबूर किया गया।  इस वीडियो को  'द दलित वॉयस' नाम के ट्विटर हैंडल से साझा किया गया है।
 

आरोप  है कि मंदिर के मंडपम में अन्य लोगों को जहां खाना परोसा जा रहा था, उनसे उन बच्चों को सिर्फ इसलिए दूर रखा गया क्योंकि ये बच्चे कथिततौर पर दलित जाति से हैं।
 

वहीं तमिलनाडु के मंत्री पीके शेखर बाबू ने मंदिर में हुई इस तरह की किसी भी घटना से इनकार किया है और कहा है कि सोशल मीडिया पर मंदिर के अंदर बैठे लोगों से अलग खाना खाने वाले इन बच्चों के वीडियो में कोई सत्यता नहीं है। 
 

एक न्यूज वेबसाइट के मुताबिक कथित वायरल वीडियो त्रिची के उथमार मंदिर का है। जिसमें दलित बच्चों को खाना खाने के लिए जमीन पर बैठने के लिए मजबूर किया गया और उन्हें अन्नदानम नहीं परोसा गया।
 

बता दें कि तमिलनाडु सरकार ने गरीबों के भोजन के लिए अन्नदानम योजना शुरू की है, जिसमें उन्हें मंदिर की ओर से मुफ्त भोजन दिया जाता है। एमके स्टालिन सरकार की ओर से पूरे तमिलनाडु में करीब 754 जगहों पर अन्नदानम योजना चल रही है।

 
 

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