Edited By Tanuja,Updated: 28 Oct, 2025 06:17 PM

कनाडा के सिख नेता मोनिंदर सिंह ने भारत पर हत्या की साजिश रचने का आरोप लगाया है, जबकि इसके कोई प्रमाण नहीं मिले। भारत ने ऐसे आरोपों को सिरे से खारिज किया है और कहा है कि कुछ अलगाववादी तत्व दोनों देशों के रिश्तों को नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं।
International Desk: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कनाडाई प्रधानमंत्री मार्क कार्नी के बीच तेजी से बढ़ती कूटनीतिक निकटता ने कनाडा में सक्रिय अलगाववादी सिख संगठनों में घबराहट फैला दी है। भारत और कनाडा के रिश्ते सामान्य होते देख ये तत्व अब भारत विरोधी नया एजेंडा चलाने में जुट गए हैं। इसी कड़ी में ब्रिटिश कोलंबिया के विवादित सिख नेता मोनिंदर सिंह ने भारत पर अपनी हत्या की साजिश रचने का झूठा आरोप लगाया है ताकि दोनों देशों के बीच फिर से तनाव पैदा किया जा सके। कनाडा की संघीय पुलिस( RCMP) ने सिर्फ संभावित खतरे की सामान्य चेतावनी दी थी, लेकिन सिंह ने इसे भारत से जोड़कर राजनीतिक रंग दे दिया। वे लंबे समय से “पंजाब की आज़ादी” की मांग उठाते रहे हैं, जिसे भारत सरकार और अंतरराष्ट्रीय समुदाय कट्टरपंथी व विभाजनकारी आंदोलन मानता है।
सुरक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि जब से भारत और कनाडा ने व्यापार व सुरक्षा सहयोग की दिशा में ठोस कदम उठाने शुरू किए हैं, तब से ऐसे अलगाववादी तत्वों को डर है कि उनका भारत विरोधी नेटवर्क कमजोर पड़ जाएगा। भारत सरकार ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि उसका किसी भी तरह की विदेशी हिंसा या हस्तक्षेप से कोई लेना-देना नहीं है। वहीं कनाडा की विदेश मंत्री अनीता आनंद ने भी कहा है कि दोनों देशों के बीच सुरक्षा और कानून व्यवस्था को लेकर नियमित संवाद जारी है।

कनाडा ने हाल ही में लॉरेंस बिश्नोई गैंग को आतंकी सूची में डालकर भारत की एक बड़ी चिंता को मान्यता दी है। इससे साफ है कि दोनों देश अब आपसी विश्वास बहाल करने की दिशा में बढ़ रहे हैं। राजनयिकों का मानना है कि मोनिंदर सिंह जैसे लोग जानबूझकर गलत आरोप लगाकर भारत की छवि को धूमिल करना चाहते हैं, लेकिन वास्तविकता यह है कि भारत और कनाडा के रिश्ते अब नए भरोसे और साझेदारी के दौर में प्रवेश कर चुके हैं।