Edited By Mansa Devi,Updated: 28 Dec, 2025 02:21 PM

बढ़ती बेरोजगारी और बदलते आर्थिक हालात के बीच अब युवा खेती और ऑर्गेनिक फार्मिंग में नए अवसर तलाश रहे हैं। रसायनों और कीटनाशकों के अत्यधिक इस्तेमाल ने मिट्टी और खाद्य सुरक्षा को प्रभावित किया है, जिससे वर्मी कंपोस्ट यानी केंचुआ खाद का बिजनेस तेजी से...
Business idea: बढ़ती बेरोजगारी और बदलते आर्थिक हालात के बीच अब युवा खेती और ऑर्गेनिक फार्मिंग में नए अवसर तलाश रहे हैं। रसायनों और कीटनाशकों के अत्यधिक इस्तेमाल ने मिट्टी और खाद्य सुरक्षा को प्रभावित किया है, जिससे वर्मी कंपोस्ट यानी केंचुआ खाद का बिजनेस तेजी से लोकप्रिय हो रहा है।
महंगी मशीनों की जरूरत नहीं, काम करेंगे केंचुए
वर्मी कंपोस्ट यूनिट शुरू करने के लिए न तो भारी मशीनरी की जरूरत है और न ही बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर की। इसे शुरू करने के लिए बस थोड़ी खुली जगह चाहिए, जो बारिश के पानी से बची हो। मुख्य सामग्री के तौर पर गोबर, केंचुए, प्लास्टिक शीट और ढकने के लिए पराली या घास-फूस की जरूरत होती है। सेटअप लग जाने के बाद मुख्य काम केंचुए ही करते हैं, जिससे दिन-रात मेहनत की जरूरत नहीं पड़ती।
वर्मी कंपोस्ट बनाने की आसान प्रक्रिया
सबसे पहले जमीन को समतल करके 2 मीटर चौड़ी प्लास्टिक शीट बिछाई जाती है। इसके ऊपर गोबर की परत और केंचुए रखे जाते हैं। फिर दोबारा गोबर की परत डालकर इसे पराली या बोरों से ढक दिया जाता है। नमी बनाए रखने के लिए समय-समय पर पानी छिड़कना और इसे सांप-चूहों से बचाना जरूरी है। लगभग 60 दिनों में केंचुए गोबर को उच्च गुणवत्ता वाली खाद में बदल देते हैं।
कम निवेश, बार-बार मुनाफा
इस बिजनेस को मात्र ₹50,000 में शुरू किया जा सकता है। सबसे बड़ा खर्च केंचुए खरीदने में आता है, जो बाजार में लगभग ₹1000 प्रति किलो मिलते हैं। लेकिन केंचुए जल्दी पनपते हैं और तीन महीने में उनकी संख्या दोगुनी हो जाती है। इसका मतलब है कि एक बार निवेश के बाद उन्हें बार-बार खरीदने की जरूरत नहीं पड़ेगी। गोबर और पराली जैसी सामग्री भी सस्ती मिलती है, जिससे रनिंग कॉस्ट बहुत कम रहती है।
बिक्री और कमाई के अवसर
ऑर्गेनिक उत्पादों की बढ़ती मांग के कारण वर्मी कंपोस्ट बेचने के लिए किसान, नर्सरी, गार्डन स्टोर्स और घर के किचन गार्डन में भी अच्छा मार्केट मिलता है। इसके अलावा, इसे ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के जरिए भी बेचा जा सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि आप 20 बेड के साथ प्रोफेशनल तरीके से काम करते हैं, तो दो साल के भीतर सालाना टर्नओवर 8 से 10 लाख रुपये तक पहुंच सकता है।