Edited By Harman Kaur,Updated: 06 Sep, 2025 02:52 PM

केरल में खतरनाक ‘ब्रेन ईटिंग अमीबा’ संक्रमण से मौतों का सिलसिला जारी है। शनिवार को कोझिकोड जिले के 45 वर्षीय व्यक्ति राथेश की इस जानलेवा बीमारी से मौत हो गई। वह कोझिकोड मेडिकल कॉलेज अस्पताल (KMCH) में भर्ती था और तेज बुखार व सर्दी की शिकायत के बाद...
नेशनल डेस्क: केरल में खतरनाक ‘ब्रेन ईटिंग अमीबा’ संक्रमण से मौतों का सिलसिला जारी है। शनिवार को कोझिकोड जिले के 45 वर्षीय व्यक्ति राथेश की इस जानलेवा बीमारी से मौत हो गई। वह कोझिकोड मेडिकल कॉलेज अस्पताल (KMCH) में भर्ती था और तेज बुखार व सर्दी की शिकायत के बाद उसे भर्ती किया गया था। हालांकि इलाज के बावजूद उसकी हालत में सुधार नहीं हुआ।
बता दें कि राज्य में अब तक इस बीमारी से 7 लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें एक 3 महीने की बच्ची और एक 9 साल की बच्ची भी शामिल हैं। अकेले कोझिकोड में ही इस साल 4 मौतें हो चुकी हैं। फिलहाल एक और मरीज का KMCH में इलाज चल रहा है।
क्या है ‘ब्रेन ईटिंग अमीबा’?
यह बीमारी Naegleria fowleri नामक अमीबा के कारण होती है, जो ताजे पानी में पाया जाता है। इससे lethal amoebic meningoencephalitis नामक संक्रमण होता है, जो दिमाग को तेजी से संक्रमित कर देता है। एक बार संक्रमित होने पर इससे बचना बेहद मुश्किल होता है।
कैसे होता है संक्रमण?
यह अमीबा ताजे पानी के जरिए नाक से शरीर में प्रवेश करता है और फिर सीधे मस्तिष्क पर हमला करता है। यह संक्रमण तैराकी, नदी या झील में स्नान, या बिना क्लोरीन वाले पानी के संपर्क में आने से हो सकता है।
सरकार की प्रतिक्रिया
बढ़ते मामलों के बीच केरल सरकार ने "पानी ही जीवन है" क्लोरिनेशन अभियान शुरू किया है। इसके तहत सभी सार्वजनिक जल स्रोतों जैसे नदी, तालाब, कुएं और स्वीमिंग पूल को क्लोरीनेट किया जा रहा है। इसके अलावा राज्य भर में जनजागरूकता अभियान भी तेज किया गया है। गौरतलब है कि पिछले वर्ष भी राज्य में 36 मामलों में 9 लोगों की मौत हुई थी। इस साल अब तक 42 मामले सामने आ चुके हैं, जो चिंता का विषय हैं।