Edited By Radhika,Updated: 23 Dec, 2025 11:53 AM

अमेरिका में काम करने का सपना देखने वाले भारतीय पेशेवरों के लिए एक बड़ी चुनौती सामने आई है। ट्रंप प्रशासन के नए आदेश के अनुसार अब H1B और H4 वीजा के हर आवेदक की ऑनलाइन प्रोफाइल की डिटेल जांच की जाएगी। 15 दिसंबर से लागू हुए इस नियम के तहत आवेदकों को...
इंटरनेशनल डेस्क: अमेरिका में काम करने का सपना देखने वाले भारतीय पेशेवरों के लिए एक बड़ी चुनौती सामने आई है। ट्रंप प्रशासन के नए आदेश के अनुसार अब H1B और H4 वीजा के हर आवेदक की ऑनलाइन प्रोफाइल की डिटेल जांच की जाएगी। 15 दिसंबर से लागू हुए इस नियम के तहत आवेदकों को अपने सोशल मीडिया हैंडल की जानकारी देनी होगी, जिसकी समीक्षा अमेरिकी अधिकारी करेंगे।
क्यों लिया गया यह फैसला?
अमेरिकी विदेश विभाग का कहना है कि यह कदम 'राष्ट्रीय सुरक्षा' को पुख्ता करने और वीजा कार्यक्रम के 'दुरुपयोग' को रोकने के लिए उठाया गया है। अधिकारियों का मानना है कि ऑनलाइन मौजूदगी की जांच से उन लोगों की पहचान करना आसान होगा जो अमेरिका के हितों के लिए खतरा हो सकते हैं। यह नियम केवल भारतीयों के लिए नहीं, बल्कि दुनिया भर के सभी देशों के आवेदकों पर समान रूप से लागू होगा।

हजारों भारतीयों के इंटरव्यू टले
इस नए स्क्रीनिंग प्रोसेस का सीधा असर वीजा प्रक्रिया की रफ्तार पर पड़ा है। भारत में दिसंबर के अंत में होने वाले हजारों H1B इंटरव्यू अचानक कई महीनों के लिए टाल दिए गए हैं। कुछ आवेदकों को तो साल 2026 के अंत तक की नई तारीखें मिली हैं। विशेषज्ञों की सलाह है कि आवेदक अपने सोशल मीडिया प्रोफाइल को 'पब्लिक' रखें और किसी भी ऐसी आपत्तिजनक पोस्ट या जानकारी से बचें जो वीजा आवेदन में दी गई जानकारी से मेल न खाती हो।
टेक कंपनियों और पेशेवरों पर असर
H1B वीजा का सबसे ज्यादा इस्तेमाल भारतीय आईटी प्रोफेशनल करते हैं। गूगल और एप्पल जैसी दिग्गज कंपनियों ने भी अपने कर्मचारियों को फिलहाल अंतरराष्ट्रीय यात्रा से बचने की सलाह दी है, क्योंकि वीजा स्टैंपिंग में लगने वाला समय अब 12 महीने तक बढ़ सकता है।