राम मंदिर की शोभा बढ़ाएंगे 24 कैरेट के सोने के दो भव्य झूले, कीमत 12 करोड़ रुपये

Edited By Updated: 03 Jul, 2025 01:30 PM

two grand swings made of 24 carat gold will enhance of ram mandir

अयोध्या के श्री राम जन्मभूमि मंदिर में भगवान राम के शिशु रूप के लिए बेहद खास तोहफा आया है। मंदिर को दो सुंदर और बेशकीमती सोने के झूले दान में मिले हैं, जिनका कुल वजन 11 किलो है और कीमत लगभग 12 करोड़ रुपये बताई जा रही है। ये झूले 24 कैरेट के हैं और...

नेशनल डेस्क: अयोध्या के श्री राम जन्मभूमि मंदिर में भगवान राम के शिशु रूप के लिए बेहद खास तोहफा आया है। मंदिर को दो सुंदर और बेशकीमती सोने के झूले दान में मिले हैं, जिनका कुल वजन 11 किलो है और कीमत लगभग 12 करोड़ रुपये बताई जा रही है। ये झूले 24 कैरेट के हैं और खास श्रावण मास के दौरान भगवान राम के शिशु रूप राम लला के लिए पूजा-अर्चना में इस्तेमाल किए जाएंगे। इस अनूठे उपहार ने मंदिर की भव्यता और पवित्रता को और बढ़ा दिया है।

भगवान राम के लिए सोने के झूले: दो खास तोहफे

अयोध्या के राम जन्मभूमि मंदिर को मिले ये झूले चेन्नई के अनुभवी और पारंपरिक कारीगरों ने बनाए हैं, जिनकी कला की विरासत दो सौ साल पुरानी है। ये झूले केवल सोने के बने हुए नहीं हैं, बल्कि इनमें शंख, चक्र, कमल की पंखुड़ियां और सुंदर पुष्प नक्काशी जैसे वैष्णव धर्म से जुड़े पारंपरिक डिजाइन भी हैं। झूले की फ्रेम को जंजीरों जैसे मंडप के स्तंभों से सजाया गया है, जो इसे और भी शानदार बनाते हैं। राम लला के आराम के लिए झूले की सीट लाल मखमल से बनी है, जो सोने के ब्रोकेड से सजी है।
 


कारीगरों की कला और तकनीक

इन झूलों को बनाने में रिपोसे, हैंड-चेसिंग और रत्न जड़ने जैसी पारंपरिक सुनार तकनीकों का इस्तेमाल किया गया है। डिजाइनिंग में वाल्मीकि रामायण के वर्णन को आधार बनाया गया है ताकि भक्ति और कला का मिलाजुला रूप सामने आए। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कहा है कि ये झूले सिर्फ आभूषण नहीं बल्कि भक्ति की उच्चतम प्रतिमूर्ति हैं।

मंदिर की स्वर्णिम पहचान

राम मंदिर अपनी स्वर्णिम सजावट के लिए पहले से ही प्रसिद्ध है। मंदिर के अंदर 42 स्वर्ण-प्लेटेड दरवाजे, स्वर्ण सिंहासन, मुकुट, धनुष-बाण और मंदिर के शीर्ष पर स्वर्ण कलश मौजूद हैं। ये नए झूले मंदिर के अनुष्ठानों में खास भूमिका निभाएंगे। श्रावण मास में इन्हें भगवान राम के शिशु रूप के लिए बैठाया जाएगा और धीरे-धीरे झुलाया जाएगा। झूलों का उपयोग दैनिक पूजा, आरती, भजन और मंदिर के जुलूसों में किया जाएगा।

श्रावण मास में झूलों की पूजा

श्रावण मास हिंदू धर्म में अत्यंत पवित्र माना जाता है। इस दौरान मंदिर में विशेष अनुष्ठान और पूजा-पाठ होते हैं। इस साल से राम लला के लिए ये सोने के झूले पूजा का मुख्य आकर्षण होंगे। मंदिर के अधिकारी इन झूलों की चमक और गुणवत्ता को बनाए रखने के लिए तापमान नियंत्रित जगहों पर इनका रख-रखाव करेंगे।

मंदिर में सोने का भंडार

श्री राम जन्मभूमि मंदिर में अब तक लगभग 45 किलोग्राम सोने का उपयोग हो चुका है, जिसकी कीमत करीब 50 करोड़ रुपये बताई जाती है। सोने से बने विभिन्न अलंकरण जैसे कि मुकुट, धनुष-बाण, सिंहासन और कलश मंदिर की भव्यता को दर्शाते हैं। यहाँ मिलने वाले ये झूले भी इसी श्रृंखला में एक महत्वपूर्ण जोड़ा हैं।

 

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