Edited By Pardeep,Updated: 09 Dec, 2025 05:20 AM

उत्तर प्रदेश सरकार ने पांच ज़िलों में कोडीन-आधारित कफ सिरप और नशे के तौर पर इस्तेमाल होने वाली अन्य दवाओं के अवैध भंडारण और बिक्री की जांच के लिए सोमवार को एक महानिरीक्षक (आईजी) स्तर के अधिकारी की अध्यक्षता में विशेष जांच दल (एसआईटी) के गठन की घोषणा...
नेशनल डेस्कः उत्तर प्रदेश सरकार ने पांच ज़िलों में कोडीन-आधारित कफ सिरप और नशे के तौर पर इस्तेमाल होने वाली अन्य दवाओं के अवैध भंडारण और बिक्री की जांच के लिए सोमवार को एक महानिरीक्षक (आईजी) स्तर के अधिकारी की अध्यक्षता में विशेष जांच दल (एसआईटी) के गठन की घोषणा की। प्रमुख सचिव (गृह) संजय प्रसाद ने पत्रकारों से कहा कि राज्य सरकार इस मामले को "बेहद गंभीरता" से ले रही है और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर एक एसआईटी गठित की जा रही है। प्रसाद ने बताया, "जांच के लिए एक आईजी स्तर के अधिकारी के नेतृत्व में एसआईटी गठित की जा रही है। एसआईटी में खाद्य एवं औषधि सुरक्षा प्राधिकरण (एफडीएसए) के अधिकारी भी शामिल होंगे।"
पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) राजीव कृष्ण ने कहा कि अब तक की जांच में प्रमुख "सुपर स्टॉकिस्ट" के एक नेटवर्क का पर्दाफ़ाश हुआ है जो कथित तौर पर कोडीन-आधारित सिरप के अवैध लेन-देन में शामिल हैं। उन्होंने कहा कि पांच प्रमुख ‘सुपर स्टॉकिस्ट' की पहचान कर ली गई है। उन्होंने कहा कि उनमें से तीन वाराणसी से शुभम जायसवाल के पिता भोला जायसवाल, सहारनपुर से विभोर राणा और गाजियाबाद से सौरभ त्यागी को पहले ही गिरफ्तार किया गया है तथा दो और ‘सुपर-स्टॉकिस्ट' जांच के दायरे में हैं और कार्रवाई जारी है। कृष्ण के अनुसार, राज्य में तस्करी की गई कफ सिरप की भारी बरामदगी हुई है।
डीजीपी ने कहा,‘‘अब तक लगभग 3.5 लाख बोतलें बरामद की जा चुकी हैं, जिनकी कीमत लगभग 4.5 करोड़ रुपये है। हमने अब तक इस अवैध व्यापार से जुड़े कुल 32 लोगों को गिरफ्तार किया है।” कृष्ण ने कहा कि जांचकर्ताओं को भारत-नेपाल और भारत-बांग्लादेश सीमाओं के पार तस्करी किए जाने के सबूत मिले हैं। उन्होंने कहा, "नेपाल और बांग्लादेश की ओर जाने वाली खेप के सबूत सामने आए हैं। हम इन सुरागों पर काम कर रहे हैं। हम बैंकिंग चैनलों के माध्यम से वित्तीय लेनदेन की पुष्टि कर रहे हैं।"
डीजीपी ने जांच के संबंध में सोशल मीडिया पर प्रसारित हो रही गलत सूचनाओं के प्रति भी आगाह किया। उन्होंने कहा, "सोशल और डिजिटल मीडिया पर बहुत सी बातें बिना सबूत और बिना तथ्यों के सामने आती हैं। हम वित्तीय साक्ष्य एकत्र कर रहे हैं। धनराशि लेनदेन के सत्यापित आधार पर नाम सामने आए हैं। अवैध रूप से धनराशि उन जगहों और व्यक्तियों को भेजी गई जिनके पास वैध लाइसेंस नहीं था - यहां तक कि ठेले वालों को भी और इसके साक्ष्य जुटाए जा रहे हैं।"
आरोपी शुभम जायसवाल के विदेश भाग जाने की खबरों के बारे में पूछे जाने पर कृष्ण ने कहा, "ज़रूरत पड़ने पर हम प्रत्यर्पण का प्रयास करेंगे।" उन्होंने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भी इस मामले को अपने हाथ में लिया है और जांच को प्रभावित करने के सोशल मीडिया के दावों को "निराधार" बताते हुए खारिज कर दिया है। खाद्य एवं औषधि सुरक्षा प्राधिकरण (एफडीएसए) आयुक्त रोशन जैकब ने कहा कि मुख्यमंत्री ने कोडीन-आधारित कफ सिरप समेत मादक पदार्थ श्रेणी की दवाओं के अवैध हेराफेरी की गहन जांच के निर्देश दिए हैं। जैकब ने बताया, "मैं स्पष्ट करना चाहती हूं कि कोडीन-आधारित कफ सिरप प्रतिबंधित दवा नहीं है। यह अनुसूची एच के अंतर्गत आता है और इसे केवल डॉक्टर के पर्चे पर ही बेचा जाना चाहिए। इसे कानूनी रूप से रखने या बेचने में कुछ भी गलत नहीं है।
समस्या तब उत्पन्न होती है जब बिना किसी सहायक दस्तावेज़ और उचित खरीद-बिक्री रिकॉर्ड के भारी मात्रा में आपूर्ति की जाती है। लाइसेंसिंग प्राधिकारी होने के नाते, हम इसे उल्लंघन मानते हैं।" उन्होंने कहा, "मध्यप्रदेश में हुई किसी भी जानलेवा कफ सिरप की घटना का उत्तर प्रदेश में कोई संबंध नहीं है। सभी ज़िलों ने इसकी पुष्टि की है।" जैकब ने कहा कि विभाग ने अवैध व्यापार में शामिल लोगों के खिलाफ सख्त प्रशासनिक कार्रवाई शुरू कर दी है। उन्होंने कहा, "हमने लगभग 280 दवा लाइसेंस रद्द करने के लिए नोटिस जारी किए हैं। जहां भी खामियां पायी गयी हैं, कार्रवाई की जा रही है।"