Edited By Yaspal,Updated: 25 Mar, 2023 10:41 PM

दिल्ली हाईकोर्ट ने एक नाबालिग लड़की से दुष्कर्म के दोषी की सजा पर यह कहते हुए रोक लगा दी कि लड़की अपने आप को बालिग बताकर अपनी मर्जी से लड़के के साथ गई थी
नई दिल्लीः दिल्ली हाईकोर्ट ने एक नाबालिग लड़की से दुष्कर्म के दोषी की सजा पर यह कहते हुए रोक लगा दी कि लड़की अपने आप को बालिग बताकर अपनी मर्जी से लड़के के साथ गई थी। जस्टिस जसमीत सिंह ने शुक्रवार को एक आदेश में कहा कि लड़की 17 साल चार महीने की थी जब वह एक व्यक्ति के साथ चली गई थी और इसके बाद दोनों का एक बच्चा हुआ जो लड़की के पास है।
हाईकोर्ट अपनी दोषसिद्धि तथा 12 साल की सजा को चुनौती दे रहे एक व्यक्ति द्वारा दायर अपील पर सुनवाई कर रहा था। अदालत ने अपील पर सुनवाई चलने के दौरान कुछ शर्तों के साथ अपीलकर्ता की सजा पर रोक लगा दी। अदालत ने शर्त लगाई है कि दोषी व्यक्ति लड़की की मर्जी के बिना उसकी तथा उसके बच्चे की जिंदगी में दखल नहीं देगा।
लड़की ने एक मजिस्ट्रेट के समक्ष दर्ज कराए अपने बयान में कहा कि वह ‘‘अपनी मर्जी'' से लड़के के साथ गई थी और ‘‘वह उससे प्यार करती थी'' तथा उसे जमानत पर रिहा किया जाए। अपनी गवाही में भी लड़की ने कहा कि उसने दोषी व्यक्ति को अपनी उम्र गलत बताई थी कि वह बालिग है। अदालत ने दिल्ली राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण को लड़की को फौरन चार लाख रुपये का मुआवजा देने का भी निर्देश दिया।