Edited By Rohini Oberoi,Updated: 06 May, 2025 10:56 AM
उत्तर प्रदेश में मौसम ने अचानक मिजाज बदल लिया है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने अगले 48 घंटों के लिए राज्य के कई जिलों में तेज हवाओं, गरज-चमक के साथ बारिश और कुछ इलाकों में ओलावृष्टि की चेतावनी जारी की है। इस बदलाव से आम जनजीवन के साथ-साथ किसानों को भी...
नेशनल डेस्क। उत्तर प्रदेश में मौसम ने अचानक मिजाज बदल लिया है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने अगले 48 घंटों के लिए राज्य के कई जिलों में तेज हवाओं, गरज-चमक के साथ बारिश और कुछ इलाकों में ओलावृष्टि की चेतावनी जारी की है। इस बदलाव से आम जनजीवन के साथ-साथ किसानों को भी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है।
पश्चिमी विक्षोभ और नम हवाओं का खेल
मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि इस बदलते मौसम का मुख्य कारण पश्चिमी विक्षोभ और बंगाल की खाड़ी से आ रही नमी वाली हवाएं हैं। इनका असर उत्तर प्रदेश के साथ-साथ उत्तर भारत के अन्य राज्यों में भी देखने को मिल रहा है। खासकर लखनऊ, सीतापुर, कानपुर, हरदोई, रायबरेली, प्रयागराज, वाराणसी, गोरखपुर, गाजीपुर, बस्ती और झांसी जैसे जिलों में इसका प्रभाव ज्यादा महसूस किया जाएगा।
तेज हवा और धूल का तूफान
मौसम विभाग ने राज्य के कुछ हिस्सों में 30 से 50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चलने की संभावना जताई है। इसके साथ ही धूल भरी आंधी और बिजली गिरने की भी चेतावनी दी गई है। लखनऊ, कानपुर और प्रयागराज के लोगों को सलाह दी गई है कि वे घर से बाहर निकलते समय सावधानी बरतें।
ओले की मार, किसान बेजार
बुंदेलखंड और पूर्वांचल क्षेत्रों में ओलावृष्टि की चेतावनी ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है। गेहूं की कटाई के बाद खेतों में रखी फसलें और आम की फसल पर इसका बुरा असर पड़ सकता है। अगर बारिश और ओले समय पर नहीं रुके तो किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है।

तापमान और बारिश का हाल
मौसम विभाग की रिपोर्ट के अनुसार लखनऊ में अधिकतम तापमान 36 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 25 डिग्री सेल्सियस रहने का अनुमान है। पिछले 24 घंटों में बहराइच में 4.2 मिमी और अलीगढ़ में 2.2 मिमी बारिश दर्ज की गई है। कानपुर, एटा और औरैया में बादल छाए रहने और गरज के साथ हल्की बारिश की संभावना बनी हुई है।
अगले 48 घंटे भारी, बिजली से सावधान
मौसम विभाग ने स्पष्ट किया है कि अगले दो दिनों तक राज्य के कई हिस्सों में बिजली गिरने की भी आशंका है। ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को पेड़ों के नीचे शरण न लेने की सलाह दी गई है। स्थानीय प्रशासन स्कूलों में भी बच्चों की सुरक्षा के लिए दिशा-निर्देश जारी कर सकता है।

कृषि विभाग ने जारी किए हेल्पलाइन नंबर
कृषि विशेषज्ञों ने किसानों को सलाह दी है कि वे जल्द से जल्द खेतों से अनाज निकालकर सुरक्षित स्थानों पर रखें। प्याज, टमाटर और आम की फसलों को विशेष सुरक्षा की जरूरत है। विभाग ने किसानों के लिए हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए हैं।
तेज हवाओं और बारिश के कारण दृश्यता कम हो सकती है जिससे यातायात प्रभावित हो सकता है। खासकर नेशनल हाइवे और ग्रामीण सड़कों पर यात्रा करने वाले लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है। स्थानीय प्रशासन ने कुछ जिलों में ट्रैफिक अलर्ट भी जारी किया है।
इन जिलों पर विशेष नजर
लखनऊ, सीतापुर, हरदोई, रायबरेली, प्रयागराज, वाराणसी, गाजीपुर, गोरखपुर, बस्ती, झांसी, चित्रकूट और महोबा जिलों में मौसम पर 24 घंटे निगरानी रखी जा रही है।

क्या करें, क्या न करें:
करें:
➤ मौसम का ताजा अपडेट देखते रहें।
➤ बिजली कड़कने के दौरान सुरक्षित जगह पर रहें।
➤ खेतों में काम करने से बचें।
➤ अपना मोबाइल चार्ज रखें।
न करें:
➤ पेड़ों के नीचे खड़े न हों।
➤ टिन की बनी छतों से दूर रहें।
➤ बिना जरूरत के यात्रा करने से बचें।
➤ खुले में मोबाइल का इस्तेमाल न करें।
वहीं मौसम विभाग की इस चेतावनी को देखते हुए लोगों को सावधानी बरतने और सुरक्षित रहने की सलाह दी जाती है। किसानों को अपनी फसलों की सुरक्षा के लिए तुरंत कदम उठाने की जरूरत है।