खुशखबरी! 2000 रुपये से ज़्यादा के UPI ट्रांजैक्शन पर भी नहीं लगेगा GST, सरकार ने दूर की आशंकाएं

Edited By Updated: 27 Jul, 2025 04:46 PM

will no longer be levied on upi payments crores of users get relief

डिजिटल भुगतान करने वाले करोड़ों भारतीयों के लिए एक बड़ी राहत की खबर है। सरकार ने आम आदमी के लिए एक महत्वपूर्ण फैसला करते हुए यह स्पष्ट कर दिया है कि UPI (यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस) ट्रांजैक्शंस पर अब कोई GST नहीं लगेगा। वित्त मंत्रालय ने राज्यसभा...

नेशनल डेस्क: डिजिटल भुगतान करने वाले करोड़ों भारतीयों के लिए एक बड़ी राहत की खबर है। सरकार ने आम आदमी के लिए एक महत्वपूर्ण फैसला करते हुए यह स्पष्ट कर दिया है कि UPI (यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस) ट्रांजैक्शंस पर अब कोई GST नहीं लगेगा। वित्त मंत्रालय ने राज्यसभा में साफ किया है कि 2,000 रुपये से ज़्यादा के यूपीआई लेन-देन पर भी जीएसटी लगाने का कोई प्रस्ताव नहीं है। यह खबर उन सभी लोगों के लिए राहत भरी है, जो रोजमर्रा के लेन-देन के लिए यूपीआई का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल करते हैं।

सरकार ने दूर की आशंकाएं
22 जुलाई को राज्यसभा के मॉनसून सत्र के दौरान वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने इस बारे में जानकारी दी। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि GST काउंसिल ने यूपीआई ट्रांजैक्शंस पर जीएसटी लगाने की कोई सिफारिश नहीं की है। GST काउंसिल एक संवैधानिक संस्था है, जिसमें केंद्र और राज्य-केंद्र शासित प्रदेशों के प्रतिनिधि शामिल होते हैं। यह काउंसिल जीएसटी से जुड़े टैक्स रेट्स और छूट का फैसला करती है। चौधरी ने यह भी साफ किया कि यूपीआई पेमेंट्स पर जीएसटी लगाने का कोई प्लान नहीं है।

हाल ही में, कर्नाटक में करीब 6,000 व्यापारियों को यूपीआई ट्रांजैक्शंस के डेटा के आधार पर जीएसटी डिमांड नोटिस भेजे गए थे। इस वजह से लोगों और व्यापारियों में यह डर था कि सरकार यूपीआई पेमेंट्स पर टैक्स लगा सकती है। इसी डर के कारण बेंगलुरु में नोटिस मिलने के बाद दिल्ली जैसे शहरों में भी कई व्यापारी यूपीआई पेमेंट लेने से कतरा रहे थे। लेकिन सरकार के इस बयान ने इन सभी आशंकाओं को खत्म कर दिया है।

डिजिटल इंडिया को मिलेगा बढ़ावा
यूपीआई आज भारत में डिजिटल पेमेंट का सबसे लोकप्रिय तरीका बन चुका है। छोटे-मोटे लेन-देन से लेकर बड़े पेमेंट्स तक, लोग इसे आसानी से इस्तेमाल करते हैं क्योंकि यह सस्ता, तेज़ और सुरक्षित है। सरकार का यह फैसला डिजिटल इंडिया को और बढ़ावा देगा। आम आदमी को अब न तो अतिरिक्त टैक्स की चिंता होगी और न ही ट्रांजैक्शन लिमिट की। यह कदम न सिर्फ आम लोगों के लिए, बल्कि छोटे व्यापारियों के लिए भी फायदेमंद है, जो यूपीआई के ज़रिए अपने बिजनेस को आसान बनाते हैं।

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