भारत की आपत्ति के बावजूद IMF ने पाकिस्तान को दिया कर्ज, जानिए किन शर्तों पर मिली राहत

Edited By Ashutosh Chaubey,Updated: 23 May, 2025 03:12 PM

imf gave loan to pakistan despite india s objection

भारत की कड़ी आपत्तियों के बावजूद अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने पाकिस्तान को 1 बिलियन डॉलर की बेलआउट राशि जारी कर दी है। इस पर सफाई देते हुए IMF ने कहा है कि पाकिस्तान ने अपने सुधारात्मक लक्ष्यों को सफलतापूर्वक पूरा किया है।

नेशनल डेस्क: भारत की कड़ी आपत्तियों के बावजूद अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने पाकिस्तान को 1 बिलियन डॉलर की बेलआउट राशि जारी कर दी है। इस पर सफाई देते हुए IMF ने कहा है कि पाकिस्तान ने अपने सुधारात्मक लक्ष्यों को सफलतापूर्वक पूरा किया है। IMF प्रवक्ता जूली कोजैक ने बताया कि इस्लामाबाद ने जिन सुधारों की शर्तें रखी गई थीं उन्हें पूरा किया और इसी आधार पर यह राशि जारी की गई है।

IMF की सफाई: ‘सभी सुधार लक्ष्य पूरे हुए’

आईएमएफ की संचार निदेशक जूली कोजैक ने एक प्रेस ब्रीफिंग में कहा, “हमारे कार्यकारी बोर्ड ने पाया कि पाकिस्तान ने सभी तय सुधारों को समय पर पूरा कर लिया है। उसने आर्थिक सुधार की दिशा में कुछ महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। इसी कारण बोर्ड ने बेलआउट की अगली किश्त को मंजूरी दी।” उन्होंने बताया कि यह फैसला IMF और पाकिस्तान के अधिकारियों के बीच हुए एक कर्मचारी-स्तरीय समझौते के बाद लिया गया, जिसे 9 मई को IMF बोर्ड के सामने रखा गया और उसी दिन इसे मंजूरी मिल गई। इसके तहत पाकिस्तान को 1 बिलियन डॉलर की राशि प्रदान की गई।

भारत ने जताई थी कड़ी आपत्ति

भारत ने इस कदम पर गहरी आपत्ति जताते हुए IMF से अनुरोध किया था कि वह पाकिस्तान को दी जा रही सहायता पर पुनर्विचार करे। भारत का तर्क था कि पाकिस्तान अपनी धरती से भारत के खिलाफ आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ावा देता है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने हाल में कहा था कि “पाकिस्तान को दिया गया कर्ज आतंकवाद को परोक्ष रूप से फंडिंग करने जैसा है।” भारत ने यह भी स्पष्ट किया था कि ऐसे देशों को मदद देना, जो आतंकवाद का गढ़ बने हुए हैं, वैश्विक शांति के लिए खतरा है।

IMF की 11 नई शर्तें

हालांकि IMF ने कर्ज जारी कर दिया है लेकिन इसके साथ उसने पाकिस्तान पर 11 सख्त शर्तें भी लगा दी हैं। इनमें प्रमुख हैं:

  • 17.6 ट्रिलियन रुपये के बजट की संसदीय मंजूरी

  • संरचनात्मक कर सुधारों की शुरुआत

  • ऊर्जा क्षेत्र में व्यावसायिक सुधार

  • पुरानी कारों के आयात नियमों में ढील

  • कृषि आयकर कानूनों का प्रांतीय स्तर पर क्रियान्वयन

  • कर अनुपालन के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म की शुरुआत

  • लंबी अवधि की वित्तीय रणनीति का प्रकाशन (2027 के बाद के लिए)

IMF की रिपोर्ट में कहा गया है कि यदि भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव और बढ़ता है तो इससे IMF के कार्यक्रम के राजकोषीय और आर्थिक लक्ष्यों पर नकारात्मक असर पड़ सकता है।

पाकिस्तान की हालत और IMF की चिंता

IMF को भी पता है कि पाकिस्तान की आर्थिक हालत बेहद नाजुक बनी हुई है। देश में महंगाई रिकॉर्ड स्तर पर है, विदेशी मुद्रा भंडार तेजी से घट रहा है और आम आदमी की क्रयशक्ति लगातार कमजोर हो रही है। IMF के इस बेलआउट का मुख्य उद्देश्य पाकिस्तान को आर्थिक कर्जों के दलदल से निकालना और सुधारों के जरिए स्थायित्व की ओर ले जाना है।

भारत-पाक विवाद और वैश्विक अपील

IMF ने यह भी कहा कि वह भारत और पाकिस्तान के बीच जारी संघर्ष को लेकर चिंतित है और दोनों देशों से शांतिपूर्ण समाधान की आशा करता है। जूली कोजैक ने कहा, “हम हालिया संघर्ष में हुई जान-माल की क्षति के लिए खेद प्रकट करते हैं। हम चाहते हैं कि दोनों देश आपसी विवादों का शांतिपूर्ण समाधान निकालें।”

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