विश्व ध्यान दिवस के अवसर पर हैबिल्ड के अभियान 'थोड़ा सा पॉज़' से जुड़े 2 लाख लोग, एक साथ महसूस की शांति

Edited By Updated: 23 Dec, 2025 10:31 PM

on world meditation day 200 000 people joined habild s campaign thoda sa pause

इस वर्ल्ड मेडिटेशन डे पर, हैबिल्ड ने एक अनोखी मिसाल पेश की। भारत समेत दुनिया के 2000 से ज्यादा शहरों में 2 लाख से अधिक लोग एक साथ आए—किसी बड़े आयोजन के लिए नहीं, बल्कि भागदौड़ भरी जिंदगी से सुकून के कुछ पल चुराने के लिए। हैबिल्ड की इस पहल 'थोड़ा सा...

(वेब डेस्क): इस वर्ल्ड मेडिटेशन डे पर, हैबिल्ड ने एक अनोखी मिसाल पेश की। भारत समेत दुनिया के 2000 से ज्यादा शहरों में 2 लाख से अधिक लोग एक साथ आए—किसी बड़े आयोजन के लिए नहीं, बल्कि भागदौड़ भरी जिंदगी से सुकून के कुछ पल चुराने के लिए। हैबिल्ड की इस पहल 'थोड़ा सा पॉज़' के तहत लोगों ने अपनी व्यस्त दिनचर्या को कुछ देर के लिए रोका और साथ मिलकर सांसों के अभ्यास के जरिए मानसिक शांति का अनुभव किया।

हैबिल्ड की इस मुहिम ने ध्यान को भारी-भरकम नियमों और घंटों की तपस्या से आज़ाद कर दिया। इसमें जोर सिर्फ 'रुकने' और गहरी सांस लेने पर था। मकसद बेहद साफ था—लोगों को यह एहसास दिलाना कि खुद से जुड़ने के लिए बहुत ज्यादा वक्त या कोशिश की जरूरत नहीं होती। कभी-कभी एक छोटी सी शुरुआत या एक 'पॉज़' ही बड़े बदलाव की नींव रखता है।

इस दौरान देश-विदेश के 2000 से अधिक शहरों में लोगों ने एक साथ गाइडेड सेशन में हिस्सा लिया। यह सामूहिक ठहराव न केवल मन की शांति के लिए था, बल्कि यह वैश्विक सद्भाव का प्रतीक भी बना। यह आयोजन हैबिल्ड की 2024 की उस ऐतिहासिक उपलब्धि को आगे बढ़ाता है, जब पहले विश्व ध्यान दिवस पर 2.87 लाख लोगों ने एक साथ ध्यान कर वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया था। यह आंकड़े बताते हैं कि भारत अब 'माइंडफुल लिविंग' (सजग जीवनशैली) की ओर कितनी तेजी से बढ़ रहा है।

इस मौके पर हैबिल्ड के को-फाउंडर और योग शिक्षक, सौरभ बोथरा ने कहा, "हम अक्सर खुद से वादा करते हैं कि कल से करेंगे, या जब फुर्सत मिलेगी तब करेंगे। लेकिन सच यह है कि सुकून किसी 'परफेक्ट टाइम' का इंतज़ार नहीं करता। यह उसी पल मिलता है, जब हम खुद के लिए वक्त निकालते हैं। इस बार हमने लोगों से अपनी लाइफस्टाइल बदलने को नहीं कहा, बस 'थोड़ा सा पॉज़' लेने की गुजारिश की। क्योंकि यही छोटी सी शुरुआत, धीरे-धीरे एक अच्छी आदत बन जाती है।"

विश्व ध्यान दिवस का मूल उद्देश्य यही है कि लोग रुकें, विचार करें और मानसिक संतुलन पाएं। 'थोड़ा सा पॉज़' के जरिए हैबिल्ड ने यही संदेश दिया कि मेडिटेशन कोई डराने वाली चीज नहीं है। इसकी शुरुआत सिर्फ एक गहरी सांस और एक छोटे से ठहराव से हो सकती है।

हॅबिल्‍ड के बारे में
हैबिल्ड, भारत का पहला हैबिट-बिल्डिंग (आदत निर्माण) प्लेटफॉर्म है, जो लोगों को सेहतमंद और खुशहाल जीवन जीने में मदद करता है। अपने लाइव कम्युनिटी सेशंस और आसान गाइडेंस के जरिए, हैबिल्ड ने देश-विदेश में 1.3 करोड़ से ज्यादा लोगों का एक परिवार तैयार किया है। हैबिल्ड का मानना है कि छोटी-छोटी मगर लगातार अपनाई गई अच्छी आदतें न सिर्फ किसी एक इंसान की जिंदगी बदलती हैं, बल्कि समाज में एकता की भावना को भी मजबूत करती हैं।

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