ड्रैगन और भारत की नोक-झोंक

Edited By ,Updated: 14 Aug, 2022 01:22 PM

china and india fight

भारत और ड्रैगन (चीन) के बीच काफी नरम-गरम नोक-झोंक चलती नजर आती है। गलवान घाटी विवाद ने तो तूल पकड़ा ही था लेकिन उसके बावजूद पिछले दो साल में भारत-चीन व्यापार में अपूर्व वृद्धि हुई है।

भारत और ड्रैगन (चीन) के बीच काफी नरम-गरम नोक-झोंक चलती नजर आती है। गलवान घाटी विवाद ने तो तूल पकड़ा ही था लेकिन उसके बावजूद पिछले दो साल में भारत-चीन व्यापार में अपूर्व वृद्धि हुई है। भारत-चीन वायुसेवा आजकल बंद है लेकिन इसी हफ्ते भारतीय व्यापारियों का विशेष जहाज चीन पहुंचा है। गलवान घाटी विवाद से जन्मी कटुता के बावजूद दोनों देशों के सैन्य अधिकारी बार-बार बैठकर कर आपसी संवाद कर रहे हैं।

 

कुछ अंतर्राष्ट्रीय बैठकों में भारतीय और चीनी विदेश मंत्री भी आपस में मिले हैं। इसी का नतीजा है कि विदेशी मामलों पर काफी खुलकर बोलने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चीन के विरुद्ध लगभग मौन दिखाई पड़ते रहे। यही बात हमने तब देखी, जब अमरीकी संसद की अध्यक्ष नैन्सी पेलोसी की ताईवान-यात्रा पर जबरदस्त हंगामा हुआ। पेलोसी की ताईवान-यात्रा के समर्थन या विरोध में हमारे प्रधानमंत्री, विदेश मंत्री और विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता की चुप्पी आश्चर्यजनक थी लेकिन यह चुप्पी अब टूटी है। 

 

क्यों टूटी है? क्योंकि चीन ने इधर दो बड़े गलत काम किए हैं। एक तो उसने सुरक्षा परिषद में पाकिस्तानी नागरिक अब्दुल रउफ अजहर को आतंकवादी घोषित करने के प्रस्ताव का विरोध कर दिया है और दूसरा उसने श्रीलंका के हंबनटोटा बंदरगाह पर अपना जासूसी जहाज ठहराने की घोषणा कर दी थी। ये दोनों चीनी कदम शुद्ध भारतविरोधी हैं। अजहर को अमरीका और भारत, दोनों ने आतंकवादी घोषित किया हुआ है।

 

चीन ने पाकिस्तानी आतंकवादियों को बचाने का यह दुष्कर्म पहली बार नहीं किया है। लगभग 2 माह पहले उसने लश्करे-तैयबा के अब्दुल रहमान मक्की के नाम पर भी रोक लगवा दी थी। इसी प्रकार जैश-ए-मुहम्मद के सरगना मसूद  अजहर को आतंकवादी घोषित करने के मार्ग में भी चीन ने चार बार अडंग़ा लगाया था। अब्दुल रउफ अजहर पर आरोप है कि उसने 1998 में भारतीय जहाज के अपहरण, 2001 में भारतीय संसद पर हमले, 2014 में कठुआ के सैन्य-शिविर पर आक्रमण और 2016 में पठानकोट के वायुसेना अड्डे पर हमले आयोजित किए थे।

 

चीन इन पाकिस्तानी आतंकवादियों को संरक्षण दे रहा है लेकिन उसने अपने लाखों उइगर मुसलमानों को यातना-शिविरों में झोंक रहा है। ये पाकिस्तानी आतंकवादी उन्हें भी उकसाने में लगे रहते हैं। यह मैंने स्वयं चीन के शिनच्यांग प्रांत में जाकर देखा है। इसीलिए इस चीनी कदम की भारतीय आलोचना सटीक है। जहां तक ताईवान का प्रश्न है, भारत की ओर से की गई नरम आलोचना भी समयानुकूल है। वह चीन-अमरीका विवाद में खुद को किसी भी तरफ क्यों फिसलने दे?

डॉ.वैदप्रताप वैदिक
dr.vaidik@gmail.com 

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!