अडानी-हिंडनबर्ग विवाद: रियल एस्टेट दिग्गज के.पी. सिंह ने बैंको को लेकर कह डाली बड़ी ये बात

Edited By jyoti choudhary,Updated: 19 Feb, 2023 05:53 PM

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अमेरिकी की शॉर्ट सेलिंग कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट के बाद एक समय देश के सबसे अमीर व्यक्ति रहे गौतम अडानी के कारोबारी साम्राज्य में उथल-पुथल मची हुई है। हालांकि, रियल एस्टेट क्षेत्र के दिग्गज के.पी. सिंह का मानना है कि अडानी घटनाक्रम से भारत...

नई दिल्लीः अमेरिकी की शॉर्ट सेलिंग कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट के बाद एक समय देश के सबसे अमीर व्यक्ति रहे गौतम अडानी के कारोबारी साम्राज्य में उथल-पुथल मची हुई है। हालांकि, रियल एस्टेट क्षेत्र के दिग्गज के.पी. सिंह का मानना है कि अडानी घटनाक्रम से भारत के प्रति वैश्विक निवेशकों का भरोसा नहीं डिगा है। उन्होंने इन चर्चाओं को भी खारिज कर दिया कि अडानी समूह को ‘ऊपर’ के निर्देश के बाद बैंकों ने कर्ज दिया था। हालांकि, इसके साथ ही उन्होंने कहा कि वृद्धि के मार्ग पर बने रहने के लिए अडानी समूह को अपने पूंजी आधार को बढ़ाने और कर्ज को कम करने की जरूरत है।

हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट 24 जनवरी को आई थी। उसके बाद से ही अडानी समूह की कंपनियों के शेयरों में जबर्दस्त बिकवाली का सिलसिला चल रहा है। डीएलएफ के मानद चेयरमैन के.पी. सिंह ने कहा कि यह केवल एक कॉरपोरेट समूह से संबंधित अस्थायी झटका है और इससे भारत के प्रति निवेशकों का भरोसा कम नहीं हुआ है।  खरी-खरी बोलने के लिए प्रसिद्ध सिंह ने याद दिलाया कि कैसे जब डेढ़ दशक पहले उनकी रियल एस्टेट फर्म डीएलएफ आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) ला रही थी, कनाडा की एक कंपनी ने एक रिपोर्ट लाने की धमकी दी थी। उन्होंने बताया, उस समय हमने कनाडा की कंपनी से कहा था कि उसे जो करना है वह करे। कुछ ‘ब्लैकमेलर’ होते हैं, जो बड़ी शेयर बिक्री के समय रिपोर्ट लाते हैं।

हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट अडानी समूह की प्रमुख कंपनी अडानी एंटरप्राइजेज के 20,000 करोड़ रुपये के अनुवर्ती सार्वजनिक निर्गम (एफपीओ) से ठीक पहले आई थी। अडानी-हिंडनबर्ग विवाद से क्या निवेश गंतव्य के रूप में भारत पर असर पड़ेगा, इस सवाल पर सिंह ने इसे पूरी तरह ‘बकवास’ बताया। उन्होंने कहा कि भारत काफी बड़ा देश है इसलिए यह ‘कहानी’ खत्म हो जाएगी। निवेश पर असर नहीं पड़ेगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक काफी समझदार व्यक्ति हैं और जबतक वे प्रधानमंत्री रहते हैं, भारत निवेश के लिए आकर्षक स्थल बना रहेगा। सेब से लेकर हवाई अड्डा क्षेत्र में कार्यरत अडानी समूह ने इन आरोपों को ‘दुर्भावनापूर्ण’, ‘निराधार’ और ‘भारत पर सुनियोजित हमला’ कहा है। 

रिपोर्ट के बाद तीन सप्ताह में अडानी समूह की सूचीबद्ध कंपनियों का बाजार मूल्यांकन 125 अरब डॉलर नीचे आ चुका है। इस तरह की चर्चाओं पर कि बैंकों ने अडानी समूह को प्रधानमंत्री के कहने पर कर्ज दिया था, सिंह ने कहा,‘मुझे अडानी के बारे में नहीं पता। यदि किसी को लगता है कि प्रधानमंत्री के कहने पर बैंकर कर्ज दे देंगे, तो वे ‘मूर्खों की दुनिया’ में रह रहे हैं। कोई बैंक अधिकारी ऐसा नहीं करेगा। उन्होंने आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) चंदा कोचर का उदाहरण देते हुए क्या कोई बैंकर ऐसा काम करेगा जो नियमनों के अनुरूप नहीं हो। कोचर को वीडियोकॉन समूह को कर्ज में अनियमितता के आरोपों में गिरफ्तार किया गया था। 

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