अर्श से फर्श पर अडानी के शेयर, ₹3400 का शेयर 1531 रुपए तक लुढ़का

Edited By jyoti choudhary,Updated: 05 Feb, 2023 10:58 AM

adani s shares from the sky to the ground  3400 shares fell to 1531

अमरीकी इन्वेस्टमेंट फर्म और शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग की रिपोर्ट ने अडानी ग्रुप की कंपनियों को तगड़ा झटका दिया है। हिंडनबर्ग की रिपोर्ट 24 जनवरी, 2023 को आई थी और उसके बाद से ग्रुप की कंपनियों के शेयर दबाव में हैं। अडानी ग्रुप की कंपनियों के शेयरों में...

बिजनेस डेस्कः अमरीकी इन्वेस्टमेंट फर्म और शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग की रिपोर्ट ने अडानी ग्रुप की कंपनियों को तगड़ा झटका दिया है। हिंडनबर्ग की रिपोर्ट 24 जनवरी, 2023 को आई थी और उसके बाद से ग्रुप की कंपनियों के शेयर दबाव में हैं। अडानी ग्रुप की कंपनियों के शेयरों में शुक्रवार को भी तेज गिरावट देखने को मिली। अमरीकी स्टॉक एक्सचेंज डाउ जोंस ने अडानी एंटरप्राइजेज को सस्टेनबिलिटी इंडेक्स से बाहर कर दिया। इसके बाद कंपनी के शेयर 35 फीसदी तक गिर गए। 

हालांकि इसके बाद शेयर में रिकवरी आई और यह केवल 2.19 फीसदी की गिरावट के साथ 1,531 रुपए पर बंद हुए। निचले स्तर से शेयर में 50 फीसदी की रिकवरी देखने को मिली। 24 जनवरी की शाम को हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने से पहले अडानी एंटरप्राइजेज के शेयर की कीमत 3400 रुपए के करीब थी। गुरुवार को यह करीब एक हजार रुपए तक नीचे आ गया। फिर रिकवर होकर 1,531 रुपए पर बंद हुआ। एसीई इक्विटी के पास अवेलेबल डाटा के मुताबिक, 31 दिसंबर 2022 तक एलआईसी के पास अडानी ग्रुप में करीब 1 फीसदी हिस्सेदारी है। बीते 6 ट्रेडिंग सेशन में एलआईसी का अडानी ग्रुप में इन्वेस्टमेंट लगभग आधा रह गया है।

बांग्लादेश ने कहा, अडानी ग्रुप महंगी बिजली दे रहा

इस बीच बांग्लादेश सरकार ने अडानी ग्रुप के साथ एनर्जी सेक्टर में डील में संशोधन की मांग की है। बांग्लादेश पावर डिवेलपमेंट बोर्ड (बीपीडीसी) ने अडानी पावर को चिट्ठी लिखी। इसमें बिजली खरीदी की कीमतों में बदलाव करने की मांग की है। बीपीडीसी का कहना है कि उसे महंगी दर पर बिजली मिल रही है। बीपीडीसी ने नवंबर, 2017 में 25 साल के लिए 1496 मेगावाट बिजली की आपूर्ति के लिए अडानी पावर से डील की थी।

सेबी, RBI और NSE ने निगरानी बढ़ाई

एनएसई ने अडानी ग्रुप के तीन शेयरों को शॉर्ट टर्म के लिए एडिशनल सर्विलांस मेजर्स (एएसएम) लिस्ट में शामिल किया है। इनमें अडानी पोर्ट, अडानी एंटरप्राइजेज, और अबुंजा सीमेंट शामिल है। एएसएम निगरानी का एक तरीका है, जिसके जरिए मार्केट के रेगुलेटर सेबी और मार्केट एक्सचेंज बीएसई,एनएसई इस पर नजर रखते हैं। इसका लक्ष्य निवेशकों के हितों की रक्षा करना है। किसी शेयर में उतार-चढ़ाव होने पर उसे निगरानी में डाला जाता है। इस बीच,आरबीआई ने देश के सभी बैंकों से अडानी ग्रुप को दिए कर्ज और निवेश का ब्योरा मांगा है। हालांकि, बैंकों ने कहा है कि अडानी ग्रुप में उनका निवेश सुरक्षित है। इससे पहले स्विट्जरलैंड की कंपनी क्रेडिट सुईस ने मार्जिन कर्ज देने के लिए समूह के बॉन्ड को गारंटी के रूप में स्वीकारना बंद कर दिया।

मूडीज ने कहा- अडानी के लिए फंड जुटाना मुश्किल

इस मामले में रेटिंग एजेंसी मूडीज का बयान आया है। एजेंसी ने कहा कि अडानी ग्रुप की नकदी की स्थिति का आकलन किया जाएगा। अभी उनके लिए फंड जुटाना मुश्किल होगा। इधर, क्रेडिट रेटिंग एजेंसी फिच ने कहा है- हम अडानी ग्रुप की कंपनियों के कैश फ्लो पर नजर बनाए हुए हैं। अभी उनकी रेटिंग पर कोई तत्काल प्रभाव नहीं पड़ा है। हमारी नजर बनी हुई है। अडानी ग्रुप की 8 कंपनियों को फिच रेटिंग मिली है।

अमीरों की लिस्ट में 22वें स्थान पर खिसके

शेयरों में भारी गिरावट के बाद गौतम अडानी की नेटवर्थ 55 बिलियन डॉलर हो गई है। पिछले साल ये 150 बिलियन डॉलर के करीब थी। शुक्रवार को जारी हुई फोब्र्स की अमीरों की रियल टाइम लिस्ट में अडानी 22वें स्थान पर आ गए हैं। 27 फरवरी के पहले अडानी दुनिया के तीसरे सबसे अमीर व्यक्ति थे और एशिया में पहले नंबर पर थे।

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