Edited By jyoti choudhary,Updated: 18 Jun, 2025 04:21 PM

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की सख्ती का सामना अब एक और बड़े बैंक को करना पड़ सकता है। इंडसइंड बैंक के बाद अब विदेशी बैंक स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक (Standard Chartered Plc) की भारत में गतिविधियों पर अब आरबीआई की पैनी नजर है। खबर है कि बैंक ने छोटे और...
बिजनेस डेस्कः भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की सख्ती का सामना अब एक और बड़े बैंक को करना पड़ सकता है। इंडसइंड बैंक के बाद अब विदेशी बैंक स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक (Standard Chartered Plc) की भारत में गतिविधियों पर अब आरबीआई की पैनी नजर है। खबर है कि बैंक ने छोटे और मझोले उद्यमों (SMEs) को ऐसे जटिल डेरिवेटिव प्रोडक्ट्स बेचे, जिनमें उच्च जोखिम था लेकिन ग्राहकों को इसकी स्पष्ट जानकारी नहीं दी गई। मामला गंभीर होने के चलते केंद्रीय बैंक कभी भी सख्त कार्रवाई कर सकता है।
क्या है पूरा मामला?
एक रिपोर्ट के अनुसार, स्टैंडर्ड चार्टर्ड ने SMEs को Target Redemption Forwards (TRFs) जैसे जटिल डेरिवेटिव्स बेचे—जो आमतौर पर केवल बड़े कॉर्पोरेट्स के लिए उपयुक्त होते हैं। इन प्रोडक्ट्स में बड़े नुकसान की आशंका होती है। जांच में खुलासा हुआ कि बैंक ने इन जोखिमों की जानकारी देने में लापरवाही बरती।
RBI की जांच के दायरे में ये पहलू शामिल
- डेरिवेटिव सेल्स की पारदर्शिता और प्रक्रिया
- जोखिम प्रबंधन (Risk Governance)
- रिजर्व की पर्याप्तता
- FRA (Forward Rate Agreement) लेनदेन की अकाउंटिंग ट्रीटमेंट
बैंक का रुख क्या है?
स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक ने प्रतिक्रिया में कहा है कि RBI का सालाना निरीक्षण रूटीन प्रक्रिया है और अगर कोई विशेष ऑब्जर्वेशन होता है, तो उसे समय पर सुधारा जाता है। हालांकि, सूत्रों के अनुसार, इस बार मामला ‘रूटीन’ से कहीं अधिक गंभीर है और RBI इस पर गहराई से जांच कर रहा है।
भारत में बैंक का नेटवर्क
- 165 साल पुराना परिचालन
- 42 शहरों में 100 शाखाएं
सेवाएं: कॉर्पोरेट बैंकिंग, इन्वेस्टमेंट बैंकिंग, वेल्थ मैनेजमेंट, रिटेल बैंकिंग
क्यों सख्त हुआ है RBI?
RBI लंबे समय से डेरिवेटिव बिक्री में पारदर्शिता सुनिश्चित करने पर जोर दे रहा है। हाल ही में इंडसइंड बैंक पर भी इसी तरह की सख्ती देखने को मिली थी। अब स्टैंडर्ड चार्टर्ड को लेकर भी यही पैमाना अपनाया जा रहा है।