2000 के नोटों को लेकर RBI ने बैंकों को दिए ये अहम निर्देश, जानें क्या बोले गवर्नर शक्तिकांत दास

Edited By jyoti choudhary,Updated: 22 May, 2023 12:37 PM

banks should keep the information of 2000 notes deposited daily

भारत रिजर्व बैंक ने सभी बैंकों को निर्देश दिया है कि रोजाना जमा हो रहे दो हजार के के नोट का डेटा मेंटेन करें। आरबीआई की ओर से 22 मई को इससे संबंधित निर्देश जारी किए गए हैं। भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा है कि आम जनता को काउंटर पर...

बिजनेस डेस्कः आरबीआई ने 2,000 रुपए का नोट वापस लेने की घोषणा की है। इसे बदलने या जमा करने की प्रक्रिया 23 मई यानी मंगलवार से शुरू हो जाएगी। इस बीच आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने आज कहा कि 2000 रुपए के नोट को बदलने को लेकर पैनिक की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि लोगों के पास नोट बदलने के लिए चार महीने का समय है। बाजार में दूसरे नोटों की कमी नहीं है। आरबीआई पूरी स्थिति पर नजर रखे हुए है और इसके लिए बैंकों को जरूरी निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि क्लीन नोट पॉलिसी के तहत 2000 रुपए के नोट को वापस लेने का कदम उठाया गया है। आरबीआई गवर्नर ने कहा कि 2000 रुपए के नोट मौजूदा नियमों के हिसाब से ही जमा होंगे। वापस लिए गए 2000 रुपए के अधिकांश नोटों के 30 सितंबर की डेडलाइन तक बैंकिंग सिस्टम में आने की संभावना है। उन्होंने कहा कि 2000 रुपए के नोट का वापस लेने का फैसला करेंसी मैनेजमेंट का हिस्सा है। 2000 रुपए के करेंसी नोट लीगल टेंडर बने रहेंगे।

आरबीआई गवर्नर ने कहा कि जिस किसी के पास 2,000 रुपए का नोट है वह उसे अपने बैंक खाते में जमा कर सकता है या किसी अन्य मूल्य की मुद्रा से बदल सकता है। बैंकों को 2,000 का नोट बदलने के लिए जरूरी व्यवस्था करने की सलाह दी गई है। हमें उम्मीद है कि 30 सितंबर की समयसीमा तक 2,000 के ज्यादातर नोट वापस हो जाएंगे। दास ने कहा, ‘प्रणाली में पहले ही पर्याप्त नकदी है। सिर्फ रिजर्व बैंक ही नहीं, बैंकों के संचालन वाले करेंसी चेस्ट में भी पर्याप्त नकदी है। चिंता की कोई बात नहीं है।’ उन्होंने कहा कि रिजर्व बैंक लोगों की परेशानियों को लेकर संवेदनशील है। यदि लोगों को किसी तरह की परेशानी आती है, तो जरूरत होने पर केंद्रीय बैंक रेगुलेशन लेकर आएगा।

गवर्नर ने कहा कि 2000 रुपए के नोट को वापस लेने के फैसले का इकॉनमी पर मामूली असर होगा। इसकी वजह है कि टोटल करेंसी सर्कुलेशन में इसकी हिस्सेदारी केवल 10.8 फीसदी है। उन्होंने कहा कि 2016 की नोटबंदी के बाद वापस ली गई करेंसी की भरपाई के लिए 2000 रुपए के नोट को लाया गया था। हमारे पास पर्याप्त नोट मौजूद है। इसलिए घबराने की कोई जरूरत नहीं है। मौजूदा नियमों के मुताबिक 50,000 रुपए या उससे अधिक राशि जमा करने पर पैन देना पड़ता है। दास ने कहा कि 2000 रुपए के नोटों को जमा करने की प्रक्रिया में भी यह व्यवस्था जारी रहेगी। उन्होंने कहा कि सिस्टम में लिक्विडिटी की स्थिति पर करीबी नजर रखी जा रही है। भारत का करेंसी मैनेजमेंट सिस्टम काफी मजबूत है और यूक्रेन युद्ध तथा पश्चिम में कुछ बैंकों के डूबने के बावजूद भारत के एक्सचेंज रेट स्थिर बना हुआ है।

शक्तिकांत दास के बयान की मुख्य बातें

-2000 रुपए का नोट बदलने में अफरातफरी न करें
-2000 का नोट लाने का मकसद पूरा हुआ
-2000 रुपए के नोटों का पूरा ब्योरा रखेंगे बैंक
-नोट बदलने के लिए चार महीने का समय है
-मौजूदा नियमों के हिसाब से ही जमा होंगे
-2000 के नोटों की छपाई बंद हो चुकी है
-50,000 हजार से अधिक जमा पर देनी होगी जानकारी

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