Edited By jyoti choudhary,Updated: 17 Jul, 2025 11:21 AM

विश्व स्वर्ण परिषद (World Gold Council - WGC) की एक ताजा रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर वैश्विक आर्थिक और भू-राजनीतिक परिस्थितियां और अधिक बिगड़ती हैं, तो सोने की कीमतों में जबरदस्त उछाल आ सकता है। रिपोर्ट के मुताबिक, दिसंबर 2025 तक सोने की कीमतें...
बिजनेस डेस्कः विश्व स्वर्ण परिषद (World Gold Council - WGC) की एक ताजा रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर वैश्विक आर्थिक और भू-राजनीतिक परिस्थितियां और अधिक बिगड़ती हैं, तो सोने की कीमतों में जबरदस्त उछाल आ सकता है। रिपोर्ट के मुताबिक, दिसंबर 2025 तक सोने की कीमतें मौजूदा स्तर से 15% तक बढ़कर $3,839 प्रति औंस तक पहुंच सकती हैं, जिससे निवेशकों को सालाना 40% तक का रिटर्न मिल सकता है।
WGC ने अपने रिपोर्ट में बताया कि अगर मुद्रास्फीति दबाव, आर्थिक अस्थिरता और भू-आर्थिक तनाव बढ़ता है, तो सोने में निवेश की मांग तेज हो सकती है। ऐसे हालात में सोना एक बार फिर "सेफ हेवन" संपत्ति के रूप में उभरकर सामने आ सकता है।
बेस-केस अनुमान: सीमित बढ़त संभव
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि यदि हालात बहुत अधिक नहीं बिगड़ते तो 2025 की दूसरी छमाही में सोने की कीमतें सीमित दायरे में रह सकती हैं- अनुमानित 0-5% बढ़त के साथ। इस स्थिति में भी सोने से निवेशकों को 25-30% तक सालाना रिटर्न मिलने की संभावना बनी रहेगी।
डॉलर दबाव और शेयर बाजार की चुनौती
हालांकि परिषद ने आगाह किया है कि अमेरिकी डॉलर से जुड़ा दबाव बना रह सकता है और अमेरिका में सुधार के संकेतों के बावजूद अनिश्चितता खत्म नहीं हुई है। इसके अलावा, शेयर बाजार में मजबूती और संघर्ष समाधान की स्थिति अगर बेहतर होती है, तो इससे सोने की चमक थोड़ी कम हो सकती है, क्योंकि निवेशक अधिक जोखिम वाले एसेट्स की ओर रुख कर सकते हैं।
गिरावट का भी है अनुमान
अगर स्थिति सुधरती है और जोखिम वाली संपत्तियों में निवेश बढ़ता है, तो WGC को 2025 की दूसरी छमाही में सोने की कीमतों में 12-17% तक गिरावट का भी अनुमान है। हालांकि इस परिदृश्य में भी 2025 का समापन हल्के पॉजिटिव रिटर्न के साथ हो सकता है।
पहली छमाही का प्रदर्शन
रिपोर्ट के अनुसार, 2025 की पहली छमाही में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले सोने में 26% की बढ़त दर्ज की गई है। अन्य प्रमुख मुद्राओं में भी सोने ने दो अंकों का रिटर्न दिया है, जिससे यह साफ है कि निवेशक अब वैश्विक अस्थिरता के दौर में फिर से सोने को एक मजबूत विकल्प मान रहे हैं।