Edited By jyoti choudhary,Updated: 26 Sep, 2023 12:08 PM
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भारतीय बैंक ग्लोबल इन्वेस्टर्स को लुभाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। S&P ग्लोबल मार्केट इंटेलिजेंस ने कहा कि बेहतर रिटर्न की तलाश कर रहे ग्लोबल इन्वेस्टर्स को भारत के बैंक आकर्षित करना जारी रखेंगे क्योंकि वे क्रेडिट ग्रोथ, मार्जिन में सुधार और...
नई दिल्लीः भारतीय बैंक ग्लोबल इन्वेस्टर्स को लुभाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। S&P ग्लोबल मार्केट इंटेलिजेंस ने कहा कि बेहतर रिटर्न की तलाश कर रहे ग्लोबल इन्वेस्टर्स को भारत के बैंक आकर्षित करना जारी रखेंगे क्योंकि वे क्रेडिट ग्रोथ, मार्जिन में सुधार और स्थिर एसेट क्वालिटी को ज्यादा तवज्जो देते हैं और इन सब में भारत के बैंकों का परफॉर्मेंस अव्वल है।
S&P की रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय बैंकों में विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) की हिस्सेदारी की कुल मार्केट वैल्यू 30 जून को बढ़कर 8.36 लाख करोड़ रुपए हो गई है, जो एक साल पहले 7.71 लाख करोड़ रुपए थी। जून 2020 में 6.734 लाख करोड़ रुपए की होल्डिंग्स दर्ज की गई थी।
FIIs की मार्केट वैल्यू के हिसाब से हिस्सेदारी प्राइवेट बैंकों में ज्यादा
अगर वैल्यू के हिसाब से देखा जाए तो विदेशी संस्थागत निवेशकों का 93.5 फीसदी हिस्सा भारत के सबसे बड़े प्राइवेट बैंकों के पास है। FII को आकर्षित करने वाले टॉप बैंक में ICICI Bank, HDFC Bank और कोटक महिंद्रा बैंक शामिल हैं।
भारतीय प्राइवेट बैंकों में FIIs की हिस्सेदारी की मार्केट वैल्यू जून में बढ़कर 7.82 लाख करोड़ रुपए हो गई, जो एक साल पहले 7.29 लाख करोड़ रुपए थी। जून 2020 तक यह वैल्यू 6.373 लाख करोड़ रुपए थी।
सरकारी बैंकों में भी बढ़ रही विदेशी निवेशकों की हिस्सेदारी
वहीं, दूसरी ओर, भारत के सरकारी बैंकों में FIIs की हिस्सेदारी की मार्केट वैल्यू जून में 541 अरब रुपए थी, जो एक साल पहले 422 अरब रुपए थी। मार्केट वैल्यू के हिसाब से भारतीय बैंकों की विदेशी निवेशकों की लिस्ट में अमेरिका स्थित कैपिटल रिसर्च एंड मैनेजमेंट कंपनी टॉप पर है, इसके बाद ब्लैकरॉक इंक और सिंगापुर की जीआईसी प्राइवेट लिमिटेड हैं।