Edited By jyoti choudhary,Updated: 27 Dec, 2025 04:02 PM

भारत में सोने की कीमतों ने इस साल आम लोगों को चौंका दिया है। शुक्रवार, 26 दिसंबर को सोने के दाम देशभर में नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गए। 24 कैरेट सोने की कीमत में एक ही दिन में 10 ग्राम पर 5,800 रुपए और 100 ग्राम पर करीब 58,000 रुपए की तेज उछाल दर्ज...
बिजनेस डेस्कः Gold Price in India: भारत में सोने की कीमतों ने इस साल आम लोगों को चौंका दिया है। शुक्रवार, 26 दिसंबर को सोने के दाम देशभर में नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गए। 24 कैरेट सोने की कीमत में एक ही दिन में 10 ग्राम पर 5,800 रुपए और 100 ग्राम पर करीब 58,000 रुपए की तेज उछाल दर्ज की गई। क्रिसमस के ठीक बाद आई इस तेजी ने सर्राफा बाजार में हलचल बढ़ा दी है।
शहरों की बात करें तो इस दिन सोना सबसे सस्ता हैदराबाद में करीब 1,40,020 रुपए प्रति 10 ग्राम और सबसे महंगा चेन्नई में लगभग 1,40,620 रुपए प्रति 10 ग्राम के भाव पर बिका। लगातार बढ़ते दामों के कारण सोना मिडिल क्लास की पहुंच से बाहर होता नजर आ रहा है लेकिन इसके बावजूद खरीदारी में खास कमी नहीं आई है। लोग महंगे होते सोने के बीच अब नए तरीके अपनाकर गहनों की खरीद जारी रखे हुए हैं।
22 कैरेट छोड़ 14-18 कैरेट की ओर रुझान
महंगे दामों से बचने के लिए अब ग्राहक 22 कैरेट शुद्ध सोने की जगह 14 और 18 कैरेट गोल्ड को प्राथमिकता देने लगे हैं। पहले इन कैरेट्स का इस्तेमाल ज्यादातर डायमंड ज्वेलरी में किया जाता था, क्योंकि ये ज्यादा मजबूत और टिकाऊ होते हैं लेकिन अब बढ़ती कीमतों के चलते यही विकल्प आम ग्राहकों के बीच लोकप्रिय हो रहा है। इससे ज्वेलरी मार्केट में एक नया ट्रेंड देखने को मिल रहा है।
शुद्ध सोने की मांग में गिरावट
एक रिपोर्ट के मुताबिक, अहमदाबाद ज्वैलर्स एसोसिएशन का कहना है कि 2025 की शुरुआत में सोना करीब 80,000 रुपए प्रति 10 ग्राम था, जो अब बढ़कर 1.42 लाख रुपए के आसपास पहुंच गया है। इसका असर यह हुआ है कि शादियों में 22 कैरेट सोने की हिस्सेदारी, जो पहले 75 फीसदी हुआ करती थी, अब घटकर करीब 50 फीसदी रह गई है। बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि आगे भी 14-18 कैरेट गोल्ड की मांग बनी रह सकती है, क्योंकि ऊंचे दामों में हर किसी के लिए 22 कैरेट गहने खरीदना आसान नहीं है।
2026 में रफ्तार थम सकती है
इस बीच कोटक महिंद्रा एएमसी के मैनेजिंग डायरेक्टर नीलेश शाह का कहना है कि सोने-चांदी में हाल के महीनों में देखी गई जबरदस्त तेजी 2026 में दोहराए जाने की संभावना कम है। हालांकि उन्होंने यह भी साफ किया कि आउटलुक अभी भी सकारात्मक बना हुआ है। सेंट्रल बैंकों की खरीदारी और इलेक्ट्रिक वाहनों जैसी इंडस्ट्री से चांदी की बढ़ती मांग, कीमती धातुओं को आगे भी सपोर्ट दे सकती है। नीलेश शाह ने निवेशकों को बेहतर रिटर्न के लिए एसेट एलोकेशन पर फोकस करने की सलाह दी है।