RTI के ज़रिए बीवियों की इन्वेस्टमेंट खंगाल रहे पति, SEBI के पास पहुंचीं चौंकाने वाली अर्जियां

Edited By Updated: 12 Jul, 2025 12:31 PM

husbands are investigating wife s investments through rti

सूचना का अधिकार (RTI) कानून देश में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए लाया गया था, ताकि आम नागरिक सरकारी संस्थानों से जरूरी जानकारियां प्राप्त कर सकें लेकिन हाल के घटनाक्रम बताते हैं कि कुछ लोग इस कानून का इस्तेमाल अब निजी मामलों की...

बिजनेस डेस्कः सूचना का अधिकार (RTI) कानून देश में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए लाया गया था, ताकि आम नागरिक सरकारी संस्थानों से जरूरी जानकारियां प्राप्त कर सकें लेकिन हाल के घटनाक्रम बताते हैं कि कुछ लोग इस कानून का इस्तेमाल अब निजी मामलों की जासूसी और घरेलू विवाद सुलझाने के लिए कर रहे हैं।

ऐसे ही कुछ मामले हाल ही में भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) के पास पहुंचे, जिनमें लोगों ने अपनी पत्नियों के निवेश तक की जानकारी RTI के जरिए मांग डाली। इन अजीबो-गरीब सवालों को पढ़कर SEBI के अधिकारी भी हैरान रह गए—कुछ तो हंस पड़े!

“मेरी पत्नी ने कहां निवेश किया है?” – SEBI से पूछा RTI में सवाल

एक मामले में एक व्यक्ति ने SEBI से RTI डालकर पूछा कि क्या उसकी पत्नी का कोई डिमैट अकाउंट है? अगर हां, तो उसमें कितना पैसा है, किस-किस म्यूचुअल फंड में निवेश है, कितना डिविडेंड और कैपिटल गेन मिला है और यहां तक कि FDR (फिक्स्ड डिपॉजिट) की डिटेल्स भी मांगी गईं।

SEBI ने स्पष्ट रूप से जवाब दिया कि ऐसी कोई व्यक्तिगत जानकारी उनके पास नहीं होती और न ही वे इसे साझा कर सकते हैं। फिर भी आवेदक ने इस जवाब के खिलाफ अपील दायर की, जिसे दोबारा खारिज कर दिया गया।

हर हफ्ते RTI डालने वाले – RTI फ्रीक्वेंट फाइलर

SEBI के अधिकारियों के मुताबिक कुछ लोग हर हफ्ते RTI डालते हैं – कभी किसी कर्मचारी के खिलाफ शिकायत करने के लिए, तो कभी ऐसे सवाल पूछने के लिए जिनका RTI से कोई लेना-देना नहीं होता। इन्हें कहा जाता है RTI फ्रीक्वेंट फाइलर।

एक मामले में किसी ने SEBI से पूछा कि किसी कर्मचारी के खिलाफ भ्रष्टाचार की शिकायत कैसे दर्ज की जाए – जबकि इसके लिए SEBI का अलग पोर्टल है।

IPO और NOC की जानकारी के लिए RTI की बाढ़

एक अन्य RTI फाइलर ने SEBI से कई बड़ी कंपनियों जैसे Belrise Industries, Ather Energy, HDFC AMC और Tech Mahindra के IPO से जुड़े NOC (No Objection Certificate) की जानकारी मांगी। SEBI ने जवाब में कहा कि उनके पास ऐसी जानकारी नहीं होती और यह RTI कानून के दुरुपयोग का उदाहरण है।

हर महीने हजारों सवालों की बरसात

SEBI को हर महीने लगभग 150 से 300 RTI आवेदन मिलते हैं, जिनमें 6,500 से 17,000 सवाल होते हैं। इसके साथ-साथ 300 से 800 अपीलें भी दर्ज होती हैं। कई लोग SEBI के SCORES पोर्टल की बजाय RTI का इस्तेमाल सीधे शिकायत या जांच के लिए करने लगते हैं।

 

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