ट्रंप के टैरिफ का असर: दबाव में चीन की अर्थव्यवस्था, उत्पादन और तांबा भंडार घटा

Edited By Updated: 03 May, 2025 12:59 PM

impact of trump s tariff china s production and copper reserves decreased

अमेरिका और चीन के बीच वर्षों से जारी व्यापार युद्ध का असर अब चीन की अर्थव्यवस्था पर साफ नजर आने लगा है। पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा लगाए गए भारी-भरकम टैरिफ ने चीन की औद्योगिक गतिविधियों को प्रभावित किया है। ऐसे समय में जब चीन पहले...

बिजनेस डेस्कः अमेरिका और चीन के बीच वर्षों से जारी व्यापार युद्ध का असर अब चीन की अर्थव्यवस्था पर साफ नजर आने लगा है। पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा लगाए गए भारी-भरकम टैरिफ ने चीन की औद्योगिक गतिविधियों को प्रभावित किया है। ऐसे समय में जब चीन पहले से ही कोविड के बाद की आर्थिक सुस्ती, घरेलू मांग में गिरावट और रियल एस्टेट संकट से जूझ रहा है, टैरिफ का दबाव उसकी चुनौतियां और बढ़ा रहा है।

औद्योगिक उत्पादन में गिरावट

चीन की औद्योगिक सेहत को मापने वाला प्रमुख सूचकांक Purchasing Managers' Index (PMI) अप्रैल 2025 में गिरकर 49 पर आ गया है, जो मार्च में 50.5 था। 50 से नीचे का आंकड़ा बताता है कि उद्योगों में संकुचन (Contractions) हो रहा है। यह साफ संकेत है कि अमेरिकी टैरिफ चीन के विनिर्माण क्षेत्र पर चोट कर रहे हैं। निर्यात में गिरावट, बेरोजगारी में वृद्धि और लॉजिस्टिक सेक्टर में अड़चनों जैसी समस्याएं अब सामने आने लगी हैं।

तांबे की आपूर्ति पर संकट

चीन की एक और बड़ी चिंता है उसके घटते तांबे के भंडार। उद्योग विशेषज्ञों के मुताबिक, मौजूदा रफ्तार से अगर खपत जारी रही तो जून तक चीन का तांबे का स्टॉक खत्म हो सकता है। अमेरिका की तरफ से तांबे की बढ़ी मांग और नए संभावित टैरिफ की आशंका ने सप्लाई को बाधित कर दिया है। Mercuria जैसी ट्रेड कंपनियां इसे "इतिहास का सबसे बड़ा सप्लाई शॉक" बता रही हैं।

व्हाइटलिस्ट के जरिए छूट की तैयारी

भले ही चीन सरकार सार्वजनिक रूप से अमेरिकी दबाव के आगे झुकने से इनकार कर रही हो, लेकिन रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, बीजिंग ने एक 'व्हाइटलिस्ट' तैयार की है जिसमें कुछ अमेरिकी उत्पादों को टैरिफ से छूट देने की योजना है। दवाइयां, सेमीकंडक्टर चिप्स और एयरक्राफ्ट इंजन जैसे उत्पाद इस सूची में शामिल हैं। कंपनियों को निजी तौर पर जानकारी दी जा रही है कि यदि वे तय प्रक्रियाओं का पालन करें तो उन्हें राहत मिल सकती है।

क्या होगी ग्रोथ की दिशा?

आर्थिक विश्लेषकों का मानना है कि चीन की आर्थिक वृद्धि दर 2025 में घटकर 3.5% तक सिमट सकती है, जो पिछले वर्षों की तुलना में बेहद कम है। मैन्युफैक्चरिंग और सर्विस सेक्टर दोनों में गिरावट जारी है और घरेलू तथा विदेशी निवेशकों का भरोसा कमजोर होता दिख रहा है।

Trending Topics

IPL
Royal Challengers Bengaluru

190/9

20.0

Punjab Kings

184/7

20.0

Royal Challengers Bengaluru win by 6 runs

RR 9.50
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!