Edited By jyoti choudhary,Updated: 26 Apr, 2021 01:24 PM
देश में कोरोना वायरस की दूसरी लहर चलने के बीच सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम कंपनियां अपने संयंत्रों से 965 टन ऑक्सीजन को चिकित्सा जरूरत के लिए भेज रही हैं। पेट्रोलियम मंत्रालय ने रविवार को यह कहा। मंत्रालय ने एक के बाद एक कई ट्वीट में कहा कि...
बिजनेस डेस्कः देश में कोरोना वायरस की दूसरी लहर चलने के बीच सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम कंपनियां अपने संयंत्रों से 965 टन ऑक्सीजन को चिकित्सा जरूरत के लिए भेज रही हैं। पेट्रोलियम मंत्रालय ने रविवार को यह कहा। मंत्रालय ने एक के बाद एक कई ट्वीट में कहा कि सार्वजनिक स्वास्थ्य व्यवसथा को मजबूत बनाने की देश की जरूरत को पूरा करने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। आपूर्ति श्रृंखला में जो अनदेखे स्थान रह गए उनकी कमी को दूर किया जा रहा है।
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मंत्रालय ने कहा, "पेट्रोलियम क्षेत्र वर्तमान में रोजाना 965 टन तरल चिकित्सा ऑक्सीजन की आपूर्ति कर रहा है। तेल कंपनियों की रिफाइनरियों और संयंत्रों ने औद्योगिक इस्तेमाल के लिए अपनी जरूरतों को कम करते हुए चिकित्सा क्षेत्र में काम आने वाले तरल ऑक्सीजन का अधिक से अधिक उत्पादन करना शुरू कर दिया है।'' उसने कहा है कि सार्वजनिक क्षेत्र के सभी पेट्रोलियम उपक्रम देशभर में 93 स्थानों पर चिकित्सा ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्र लगाने के लिए काम कर रहे हैं। इसके जरिए अस्पतालों में खुद के ऑक्सीजन उत्पादन सुविधा खड़ी की जा सकेगी। इससे अस्पतालों में चिकित्सा श्रेणी की ऑक्सीजन आपूर्ति व्यवस्था को मजबूत किया जा सकेगा।
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भारत पेट्रोलियम कार्पोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) की बीना रिफाइनरी रोजाना 10 हजार टन गैस ऑक्सीजन और चार लाख लीटर पीने का पानी कोविड-19 अस्पताल को आपूर्ति कर रही है। एक हजार बिस्तरों का यह अस्पताल मध्यप्रदेश सरकार द्वारा रिफाइनरी के नजदीक ही बनाया जा रहा है। इंडियन ऑयल को भी चिकित्सा ऑक्सीजन की आपूर्ति में आने वाली विभिन्नि सुविधाओं, परिवहन और आपूर्ति रुकावटों को दूर करने के लिए कहा गया है।
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