बैंकों के MD और CEO के कार्यकाल को लेकर RBI ने जारी की गाइडलाइन, जानिए जरूरी दिशा-निर्देश

Edited By jyoti choudhary,Updated: 27 Apr, 2021 12:57 PM

rbi issued guidelines regarding the tenure of md and ceo of banks

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने सोमवार को बैंकिंग गवर्नेंस से संबंधित नई गाइडलाइन जारी की है। इसके अनुसार, अगर कोई अधिकारी किसी बैंक के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी (MD&CEO) पद पर 15 साल रहता है तो वह दोबारा भी इस पद पर चुना जा सकता है।...

बिजनेस डेस्कः भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने सोमवार को बैंकिंग गवर्नेंस से संबंधित नई गाइडलाइन जारी की है। इसके अनुसार, अगर कोई अधिकारी किसी बैंक के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी (MD&CEO) पद पर 15 साल रहता है तो वह दोबारा भी इस पद पर चुना जा सकता है। हालांकि दोबारा चुने जाने के लिए उसे 3 साल तक इंतजार करना होगा।

आरबीआई के अनुसार, 3 साल के अंतर में अधिकारी को न तो इस बैंक के साथ रहेगा और न ही बैंक की किसी और कंपनी के साथ रहेगा। यानि कि उस अधिकारी को किसी भी हाल में बैंक से अलग होना होगा। हालांकि फिर से MD&CEO के पद पर चुने जाने के लिए अधिकारी को समय-समय पर रिजर्व बैंक से मंजूरी लेनी होगी। यही नियम पूर्णकालिक डायरेक्टर पर भी लागू होगा।

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यह नियम 15 साल तक MD रहने वालों के लिए होगा
रिजर्व बैंक ने कहा कि यह नियम उसी के लिए लागू होगा, जो 15 साल से ज्यादा MD&CEO पद पर नहीं होगा। दोबारा नियुक्ति के लिए अधिकारी को बोर्ड की भी मंजूरी लेनी होगी। साथ ही अन्य शर्तें भी उसे पूरी करनी होगी। जो 3 साल की शर्त है, उसमें वह डायरेक्ट या इनडायरेक्ट किसी भी तरह से बैंक के साथ नहीं रहना चाहिए। चाहे वह कोई भी पद हो। पूर्णकालिक डायरेक्टर के लिए भी यही नियम लागू होगा।

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प्रमोटर्स केवल 12 साल तक रह सकते हैं MD के पद पर
गाइडलाइन में यह भी कहा गया है कि एमडी, सीईओ और प्रमोटर्स फिर प्रमुख शेयरधारक भी होते हैं, वह भी 12 साल से अधिक समय तक इन पदों पर नहीं रह सकते हैं। बैंकों को एक अक्टूबर, 2021 तक निर्देशों को अमल में लाना होगा। हालांकि रिजर्व बैंक चाहे तो इसे 15 साल तक अपनी इच्छा पर बढ़ा भी सकता है। किसी असाधारण स्थिति में रिजर्व बैंक के पास यह अधिकार है कि वह 15 साल तक एमडी, सीईओ बनाए रख सकता है। यहां तक कि पूर्णकालिक डायरेक्टर के लिए भी वह यही काम कर सकता है।

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पदाधिकारियों की अधिकतम आयु भी तय
15 साल या इससे अधिक पद पर किसी अधिकारी को रखने के लिए रिजर्व बैंक उसके प्रोग्रेस का लेवल, प्रमोटर शेयरहोल्डिंग के नियमों को भी देखेगा। इसके बाद वह इस पर फैसला लेगा। रिजर्व बैंक ने यह भी कहा है कि निजी सेक्टर के बैंक में कोई भी अधिकारी एमडी, सीईओ के पद पर 70 साल की उम्र के बाद नहीं रह सकता है। यह नियम पहले से ही है। पिछले साल ही देश के सबसे बड़े बैंक एचडीएफसी बैंक के आदित्य पुरी को इसी उम्र के आधार पर अपना पद छोड़ना पड़ा था।

भारतीय बैंकिंग इंडस्ट्री में आदित्य पुरी सबसे लंबे समय तक MD&CEO के पद पर रहे हैं। वे करीबन 25 साल तक इस पद पर थे। उनके नेतृत्व में एचडीएफसी बैंक आज देश का निजी सेक्टर में सबसे बड़ा बैंक है।

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