टाटा स्टील ने बढ़ाई मेडिकल ऑक्सीजन की सप्लाई, अब हर रोज 600 टन का उत्पादन

Edited By jyoti choudhary,Updated: 27 Apr, 2021 11:25 AM

tata steel increases medical oxygen supply

टाटा स्टील ने सोमवार को कहा कि उसने कोविड-19 रोगियों के इलाज के लिए दैनिक ऑक्सीजन आपूर्ति की बढ़ाकर 600 टन प्रतिदिन कर दिया है। इस्पात मंत्रालय के निर्देश पर, देश के इस्पात संयंत्र विभिन्न राज्यों को चिकित्सकीय तरल आक्सीजन गैस की आपूर्ति कर रहे हैं।

बिजनेस डेस्कः टाटा स्टील ने सोमवार को कहा कि उसने कोविड-19 रोगियों के इलाज के लिए दैनिक ऑक्सीजन आपूर्ति की बढ़ाकर 600 टन प्रतिदिन कर दिया है। इस्पात मंत्रालय के निर्देश पर, देश के इस्पात संयंत्र विभिन्न राज्यों को चिकित्सकीय तरल आक्सीजन गैस की आपूर्ति कर रहे हैं। इस समय मरीजों के इलाज के लिए जगह जगह आक्सीजन की भारी किल्लत है।

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एक ट्वीट में, टाटा स्टील ने कहा, ‘‘टाटा स्टील ने बढ़े हुए लॉजिस्टिक समर्थन के साथ, तरल चिकित्सा ऑक्सीजन की आपूर्ति को बढ़ाकर 500-600 टन प्रतिदिन कर दिया है। हम ऑक्सीजन की उपलब्धता बढ़ाने और लोगों की जान बचाने के लिए भारत सरकार और राज्यों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं।’’ पिछले हफ्ते, टाटा स्टील के एक प्रवक्ता ने कहा था कि कंपनी विभिन्न राज्यों को प्रतिदिन 300 टन तरल चिकत्सकीय आक्सीजन (एलएमओ) की आपूर्ति कर रही है।

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सरकार ने कहा, ऑक्सीजन की उपलब्धता को लेकर घबराएं नहीं
इधर, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने चिकित्सीय ऑक्सीजन की उपलब्धता को लेकर लोगों से नहीं घबराने की अपील करते हुए सोमवार को कहा कि देश में ऑक्सीजन का पर्याप्त भंडार है लेकिन भारी मांग वाले क्षेत्रों में इनकी आपूर्ति करने का मुद्दा है जिसका समाधान बेहतर से बेहतर ढंग से करने का प्रयास किया जा रहा है और इसमें वायुसेना की मदद भी ली जा रही है। मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव पीयूष गोयल ने इसका भी उल्लेख किया कि अस्पतालों को जल्द से जल्द ऑक्सीजन उपलब्ध कराने के लिए सरकार की ओर से क्या प्रयास किए गए हैं।

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उन्होंने कहा, ‘घबराएं नहीं, पैनिक मत करें। हमारे पास ऑक्सीजन का पर्याप्त भंडार है। ढुलाई का मसला है। ढुलाई एक बड़ी चुनौती है जिसे हम सभी संबंधित पक्षों की सक्रिय भागीदारी से हल करने का प्रयास कर रहे हैं। बिल्कुल भी घबराने की जरूरत नहीं है क्योंकि ऑक्सीजन की ढुलाई के मुद्दे को हल करने का प्रयास हम कर रहे हैं।’ उन्होंने यह भी बताया कि ऑक्सीजन उत्पादक राज्य मुख्यत: पूर्वी और मध्य भारत में हैं। यह इस बात का संकेत है कि यह उत्पादक राज्य उन राज्यों से दूर हैं जहां ऑक्सीजन की मांग ज्यादा है।

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