Edited By jyoti choudhary,Updated: 04 Oct, 2022 12:42 PM
भारत और रूस परंपरागत रूप से एक-दूसरे के मित्र देश रहे हैं। काफी पहले से भारत और रूस की दोस्ती की चर्चा होती थी, पिछले कुछ समय में हालांकि रूस की जगह कुछ अन्य देशों ने ले ली है लेकिन फिर भी सितंबर में रूस ने भारत को कच्चे तेल की सप्लाई कर
बिजनेस डेस्कः भारत और रूस परंपरागत रूप से एक-दूसरे के मित्र देश रहे हैं। काफी पहले से भारत और रूस की दोस्ती की चर्चा होती थी, पिछले कुछ समय में हालांकि रूस की जगह कुछ अन्य देशों ने ले ली है लेकिन फिर भी सितंबर में रूस ने भारत को कच्चे तेल की सप्लाई कर इकनॉमी को संभालने में बड़ी मदद की है। अगस्त में रूस से खरीदे जाने वाले कच्चे तेल की मात्रा कम हो गई थी जो सितंबर में करीब 19 फीसदी बढ़ गई है। रूस सऊदी अरब के बाद भारत को कच्चा तेल बेचने वाला दूसरा सबसे बड़ा देश बन गया है।
जून में भारत और उससे 9.33 लाख बैरल रोजाना क्रूड का आयात कर रहा था। अगस्त की तुलना में सितंबर में रोजाना मंगाए जाने वाले कच्चे तेल का आयात करीब 18.5 फीसदी बढ़ गया है। सितंबर में भारत ने रूस से रोजाना 8.7 लाख बैरल क्रूड का रोजाना आयात किया है। करीब 3 महीने के गैप के बाद अगस्त में सऊदी अरब ने रूस की तुलना में भारत को ज्यादा कच्चा तेल निर्यात किया था। रूस और सऊदी अरब के कच्चे तेल निर्यात के मामले में हालांकि बहुत मामूली अंतर था। अगस्त में भारत को क्रूड निर्यात करने वाला इराक सबसे बड़ा देश बना हुआ था।
भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा ऑयल इंपोर्टर और ग्राहक है। अगर बात अगस्त की करें तो सऊदी अरब से रोजाना 8.64 लाख बैरल का आयात किया गया। यह जुलाई की तुलना में करीब 5 फीसदी अधिक है। अगस्त में रूस से भारत ने रोजाना 8.56 लाख बैरल क्रूड का आयात किया जो इससे पिछले महीने की तुलना में 2.4 फीसदी कम है।
इससे पहले जून में भी रूस ने सऊदी अरब को पीछे छोड़कर भारत को सबसे अधिक कच्चा तेल बेचने वाले दूसरे बड़े देश का खिताब हासिल किया था। इस वक्त इराक भारत को कच्चा तेल बेचने वाला सबसे बड़ा देश बना हुआ था। यूक्रेन युद्ध के बाद पश्चिमी देशों की तरफ से लगाए गए आर्थिक प्रतिबंध की वजह से रूस भारत को सस्ती कीमत पर कच्चे तेल का निर्यात कर रहा है।