Edited By jyoti choudhary,Updated: 29 Nov, 2020 06:20 PM

कोरोना संकट के मुश्किल दौर में भी भारत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) को लाने में सफल रहा है। वित्त वर्ष 2020-21 की पहली छमाही यानी अप्रैल-सितंबर 2020 के दौरान भारत में सबसे ज्यादा एफडीआई सिंगापुर से आया है। इस दौरान सिंगापुर ने भारत में 8.30 अरब...
बिजनेस डेस्कः कोरोना संकट के मुश्किल दौर में भी भारत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) को लाने में सफल रहा है। वित्त वर्ष 2020-21 की पहली छमाही यानी अप्रैल-सितंबर 2020 के दौरान भारत में सबसे ज्यादा एफडीआई सिंगापुर से आया है। इस दौरान सिंगापुर ने भारत में 8.30 अरब डॉलर का एफडीआई किया। वहीं, इस बार दूसरे और चौथे पायदान पर मौजूद रहे देशों ने इस मामले में अदला-बदली की है। मॉरिशस 2 अरब डॉलर के निवेश के साथ चौथे नंबर पर खिसक गया है, जबकि अमेरिका 7.12 अरब डॉलर के एफडीआई के साथ चौथे से दूसरे पायदान पर आ गया है।
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DPIIT ने जारी किए आंकड़े
चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही के दौरान भारत में एफडीआई के लिए अमेरिका दूसरा सबसे बड़ा देश बनकर उभरा है। साल भर पहले की समान अवधि में मॉरीशस भारत में एफडीआई के मामले में का दूसरा सबसे बड़ा देश था। उद्योग व आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (DPIIT) के आंकड़ों के मुताबिक, अप्रैल-सितंबर 2020 के दौरान भारत को केमैन आइलैंड से 2.1 अरब डॉलर का एफडीआई मिला। वहीं, नीदरलैंड्स (Netherlands) से 1.5 अरब डॉलर, ब्रिटेन से 1.35 अरब डॉलर, फ्रांस से 1.13 अरब डॉलर का एफडीआई हासिल हुआ।
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भारत और अमेरिका में मजबूत आर्थिक संबंधों के संकेत
भारत में जापान से 65.3 करोड़ डॉलर, जर्मनी से 20.2 करोड़ डॉलर और साइप्रस से 4.8 करोड़ डॉलर का एफडीआई आया है। विशेषज्ञों का कहना है कि अमेरिका से बढ़ता एफडीआई दोनों देशों के मजबूत होते आर्थिक संबंधों की ओर से स्पष्ट संकेत कर रहे हैं। वित्त वर्ष 2019-20 के दौरान भी भारत के साथ सबसे ज्यादा कारोबार करने वाला देश अमेरिका ही था। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) में इकोनॉमिक्स के प्रोफेसर बिस्वजीत धर का कहना है कि अमेरिका की टेक्नोलॉजी कंपनियां भारतीय कंपनियों में हिस्सेदारी खरीद रही हैं। इसी वजह से एफडीआई में बढ़ोतरी दिख रही है।
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अब भी मॉरिशस की FDI में हिस्सेदारी है 29 फीसदी
मॉरिशस से एफडीआई घटने के बाद भी उसकी अप्रैल 2000 से लेकर सितंबर 2020 के बीच भारत में आए एफडीआई में 29 फीसदी हिस्सेदारी है। इस अवधि में भारत में अलग-अलग देशों ने 500.12 अरब डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश किया। चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही के दौरान एफडीआई में 15 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। अकेले अगस्त 2020 में भारत को 17.5 अरब डॉलर का एफडीआई हासिल हुआ था।