Edited By jyoti choudhary,Updated: 01 Apr, 2025 05:41 PM
भारत की शीर्ष अनलिस्टेड कंपनियों की सूची में अब भी वैश्विक बहुराष्ट्रीय कंपनियों (MNCs) की भारतीय सहायक इकाइयों का दबदबा बना हुआ है। वित्त वर्ष 2023-24 (FY24) में वृद्धि और वित्तीय प्रदर्शन के आधार पर भारत की 30 सर्वश्रेष्ठ अनलिस्टेड कंपनियों में से...
बिजनेस डेस्कः भारत की शीर्ष अनलिस्टेड कंपनियों की सूची में अब भी वैश्विक बहुराष्ट्रीय कंपनियों (MNCs) की भारतीय सहायक इकाइयों का दबदबा बना हुआ है। वित्त वर्ष 2023-24 (FY24) में वृद्धि और वित्तीय प्रदर्शन के आधार पर भारत की 30 सर्वश्रेष्ठ अनलिस्टेड कंपनियों में से 21, वैश्विक कंपनियों की भारतीय इकाइयां हैं।
शीर्ष स्थान पर सानी हेवी इंडस्ट्री इंडिया
इस सूची में चीनी कंस्ट्रक्शन इक्विपमेंट निर्माता सानी हेवी इंडस्ट्री इंडिया (Sany Heavy Industry India) शीर्ष स्थान पर रही। कंपनी की शुद्ध बिक्री वित्त वर्ष 2023-24 में 26.6% बढ़कर ₹6,151 करोड़ तक पहुंच गई, जबकि शुद्ध लाभ तीन गुना से अधिक बढ़कर ₹340 करोड़ हो गया। इसके अलावा, कंपनी ने 40.4% का मजबूत रिटर्न ऑन नेट वर्थ (RoNW) भी दर्ज किया।
वैश्विक कंपनियों की भारतीय इकाइयां मजबूत स्थिति में
भारत में कई बहुराष्ट्रीय कंपनियों की शाखाएँ न केवल राजस्व के मामले में बल्कि मुनाफे और वित्तीय स्थिरता के मामले में भी तेजी से आगे बढ़ रही हैं। इन कंपनियों ने भारतीय बाजार की मांग को भुनाने में सफलता हासिल की है और अपने परिचालन का लगातार विस्तार कर रही हैं।
इसके अलावा हेवलेट-पैकार्ड (HP), श्नाइडर इलेक्ट्रिक, सैमसंग इंडिया, एबी इनबेव इंडिया, बोश इंडिया, सिस्को इंडिया और सेंट गोबेन जैसी कंपनियाँ भी उच्च वृद्धि दर्ज करने वाली अनलिस्टेड कंपनियों में शामिल रहीं।
विश्लेषकों का मानना है कि वैश्विक MNCs की भारतीय इकाइयों का प्रदर्शन दर्शाता है कि भारत का बाजार मजबूत उपभोक्ता आधार, विनिर्माण क्षमता और तकनीकी प्रगति के कारण विदेशी निवेश के लिए आकर्षक बना हुआ है। विशेषज्ञों के अनुसार, आने वाले वर्षों में भी इन कंपनियों की ग्रोथ तेज़ी से जारी रह सकती है।