Edited By jyoti choudhary,Updated: 24 Dec, 2025 04:19 PM

क्रिप्टोकरेंसी बाजार में एक बार फिर कमजोरी देखने को मिल रही है। इसकी बड़ी वजह अमेरिका में फेडरल रिजर्व के रेट कट को लेकर बढ़ती उम्मीदें, भू-राजनीतिक तनाव और वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता मानी जा रही है। ऐसे माहौल में निवेशक आमतौर पर जोखिम भरे एसेट्स से...
बिजनेस डेस्कः क्रिप्टोकरेंसी बाजार में एक बार फिर कमजोरी देखने को मिल रही है। इसकी बड़ी वजह अमेरिका में फेडरल रिजर्व के रेट कट को लेकर बढ़ती उम्मीदें, भू-राजनीतिक तनाव और वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता मानी जा रही है। ऐसे माहौल में निवेशक आमतौर पर जोखिम भरे एसेट्स से दूरी बनाकर सुरक्षित निवेश विकल्पों की ओर रुख करते हैं।
क्रिप्टोकरेंसी को जोखिम वाले एसेट्स की श्रेणी में रखा जाता है, इसलिए इस समय सोना और चांदी जैसी सुरक्षित संपत्तियों में तेजी बनी हुई है, जबकि बिटकॉइन, एथेरियम और सोलाना समेत ज्यादातर क्रिप्टोकरेंसी में दबाव देखा जा रहा है। हालांकि गिरावट सीमित है लेकिन कुछ ऑल्टकॉइन में तेज गिरावट ने निवेशकों की चिंता बढ़ा दी है।
बिटकॉइन में क्यों आया दबाव
CoinMarketCap के मुताबिक, पिछले 24 घंटे में बिटकॉइन की कीमत में 1.29 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई, जिसके बाद यह $87,350.62 के स्तर पर आ गया। ETF से लगातार हो रही निकासी और निवेशकों की मुनाफावसूली बिटकॉइन पर दबाव बना रही है। हालांकि बीते एक हफ्ते में करीब 198 मिलियन डॉलर का इनफ्लो दर्ज किया गया था, जिससे बाजार में कुछ समय के लिए तेजी भी देखने को मिली थी। अब निवेशकों में बढ़ता डर और अनिश्चितता कीमतों पर नकारात्मक असर डाल रही है।
एथेरियम, सोलाना और Pi कॉइन की चाल
एथेरियम में बिटकॉइन से ज्यादा कमजोरी देखी गई। पिछले 24 घंटे में इसकी कीमत 2.34 फीसदी गिरकर $2,949.53 पर पहुंच गई। वहीं सोलाना 2.9 फीसदी टूटकर $122.65 पर आ गया। Pi कॉइन की कीमत भी दबाव में रही और यह घटकर $0.2049 के आसपास कारोबार करता दिखा।
इस कॉइन में सबसे बड़ी गिरावट
Midnight क्रिप्टोकरेंसी में सबसे ज्यादा गिरावट दर्ज की गई। पिछले 24 घंटे में इसकी कीमत 22.46 फीसदी टूटकर $0.07605 पर आ गई। पिछले एक महीने में इस टोकन की कीमत में 80 फीसदी से ज्यादा की भारी गिरावट आ चुकी है, जिसने निवेशकों को सतर्क कर दिया है।
सोने और चांदी की कीमतों में लगातार बनी तेजी और क्रिप्टोकरेंसी बाजार में जारी कमजोरी से यह साफ संकेत मिल रहा है कि निवेशक फिलहाल जोखिम से दूरी बनाकर सुरक्षित विकल्पों को प्राथमिकता दे रहे हैं।