₹90/$ पार, उदय कोटक बोले- 'विदेशी ज्यादा समझदार!' रुपए की गिरावट पर बड़ा बयान

Edited By Updated: 03 Dec, 2025 05:33 PM

uday kotak said  foreigners are more intelligent

बुधवार का दिन भारतीय रुपए के लिए सबसे बड़ा झटका लेकर आया। पहली बार रुपया डॉलर के मुकाबले ₹90 के पार निकल गया और अपना सर्वकालिक निचला स्तर छू लिया। इस ऐतिहासिक गिरावट ने शेयर बाजार, विदेशी निवेश और आम लोगों की जेब पर बड़ा असर डाला है।

बिजनेस डेस्कः बुधवार का दिन भारतीय रुपए के लिए सबसे बड़ा झटका लेकर आया। पहली बार रुपया डॉलर के मुकाबले ₹90 के पार निकल गया और अपना सर्वकालिक निचला स्तर छू लिया। इस ऐतिहासिक गिरावट ने शेयर बाजार, विदेशी निवेश और आम लोगों की जेब पर बड़ा असर डाला है।

मशहूर बैंकर उदय कोटक  बोले—“₹@90… विदेशी निवेशक ज्यादा समझदार साबित!” उदय कोटक ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर इस गिरावट की वजह बताते हुए लिखा कि FPI और FDI निवेशक लगातार भारतीय बाजार से पैसा निकाल रहे हैं, जबकि भारतीय निवेशक विपरीत समय में भी खरीदारी कर रहे हैं।

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कोटक का स्पष्ट संदेश

“₹@90 का कारण है विदेशी निवेशकों का पैसा निकालना।
अभी विदेशी निवेशक ज्यादा होशियार दिख रहे हैं।
Nifty का 1 साल का डॉलर रिटर्न अब Zero है।
अब भारतीय कंपनियों को अपने कंफर्ट जोन से बाहर आने की जरूरत है।”

रुपया क्यों टूटा? जानिए कारण

1. विदेशी निवेशकों की 17 अरब डॉलर की बिकवाली

इस साल FPI ने भारतीय इक्विटी मार्केट से लगभग 17 अरब डॉलर (1.4 लाख करोड़ रुपए) निकाल लिए। लगातार आउटफ्लो ने रुपए पर भारी दबाव बनाया है।

2. FDI का सुस्त पड़ना

FDI इनफ्लो भी उम्मीद से कम रहा है। IPO बूम की वजह से PE और VC निवेशक पुराने निवेश बेचकर मुनाफा बटोर रहे हैं, जिससे बाहर जाने वाला पैसा ज्यादा है।

3. कंपनियों की हेजिंग से डॉलर की मांग बढ़ी

कई कंपनियां भविष्य में रुपए की गिरावट से बचने के लिए हेजिंग कर रही हैं, जिससे बाजार में डॉलर की डिमांड बढ़ गई।

4. एशिया की सबसे कमजोर करेंसी बन गया भारतीय रुपया

दुनिया में डॉलर अन्य करेंसीज़ के मुकाबले 8.5% टूटा है लेकिन फिर भी रुपया एशिया की सबसे खराब परफॉर्मिंग करेंसी बन गया है।

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5. नेट FDI दूसरी बार नेगेटिव में

RBI बुलेटिन के मुताबिक सितंबर में भी नेट FDI नेगेटिव रहा, इसका मतलब बाहर जाने वाला निवेश, आने वाले निवेश से ज्यादा रहा।

आगे क्या हो सकता है?

फॉरेक्स विशेषज्ञों के अनुसार—

  • यदि RBI 90 के स्तर पर आक्रामक इंटरवेंशन करता है तो रुपया 88-89 तक लौट सकता है।
  • अगर इंटरवेंशन सीमित रहा, तो करेंसी और कमजोर होकर 91–92 तक भी जा सकती है।

 

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