Edited By jyoti choudhary,Updated: 09 Feb, 2021 02:42 PM
नौकरनीपेशा लोगों को केंद्र सरकार जल्द ही बड़ा बदलाव कर सकती है। दरअसल, सरकार कंपनियों को लचीलेपन के साथ सप्ताह में चार दिन काम की मंजूरी दे सकती है। हालांकि, इसके लिए लंबी शिफ्ट में काम करना पड़ सकता है।
बिजनेस डेस्कः नौकरनीपेशा लोगों को केंद्र सरकार जल्द ही बड़ा बदलाव कर सकती है। दरअसल, सरकार कंपनियों को लचीलेपन के साथ सप्ताह में चार दिन काम की मंजूरी दे सकती है। हालांकि, इसके लिए लंबी शिफ्ट में काम करना पड़ सकता है। लेबर सेक्रेटरी अपूर्वा चंद्रा के मुताबिक, सप्ताह में 48 घंटे काम करने का नियम जारी रहेगा लेकिन कंपनियों को तीन शिफ्ट में काम कराने की मंजूरी दी जा सकती है। आइए जानते है इसके बारे में-
- 12 घंटे की शिफ्ट वालों को सप्ताह में चार दिन काम करना होगा।
- इसी तरह 10 घंटे की शिफ्ट वालों को सप्ताह में पांच दिन काम करना होगा।
- आठ घंटे की शिफ्ट वालों को सप्ताह में छह दिन काम करना होगा।
तीनों शिफ्ट को लेकर कोई दबाव नहीं
चंद्रा का कहना है कि हम इन तीनों शिफ्ट को लेकर कर्मचारियों या कंपनियों पर कोई दबाव नहीं डालेंगे। इसमें लचीलापन दिया जाएगा। चंद्रा के मुताबिक, बदलते वर्क कल्चर के साथ तालमेल बनाने के लिए यह प्रावधान किया जा रहा है। यह प्रावधान लेबर कोड का हिस्सा होगा। एक बार नए नियम लागू हो जाएंगे तो कंपनियों को चार या पांच दिन के वर्किंग वीक के लिए सरकार से मंजूरी की आवश्यकता नहीं होगी।
नया वर्क सप्ताह शुरू करने से पहले छुट्टी देनी होगी
चंद्रा का कहना है कि कंपनियों को नया वर्क सप्ताह शुरू करने से पहले कर्मचारियों को छुट्टी देनी होगी। यदि कंपनियां 4 दिन काम का सप्ताह चुनती हैं तो कर्मचारियों को 3 दिन छुट्टी देनी होगी। यदि 5 दिन काम का सप्ताह चुनती हैं तो 2 दिन की छुट्टी देनी होगी। एक्सपर्ट का कहना है कि नया लेबर कोड लागू होने के बाद कंपनियों के पास 8 से 12 घंटे का वर्कडे चुनने की आजादी होगी। कंपनियां मांग, इंडस्ट्री और लोकेशन के लिहाज से वर्कडे चुन सकेंगी।
फिलहाल ये है नियम
मौजूदा समय में आठ घंटे की शिफ्ट के साथ सप्ताह में छह दिन कार्य होता है और कर्मचारियों को एक दिन की छुट्टी दी जाती है। प्रस्ताव के अनुसार, कोई भी कर्मचारी कम से कम आधे घंटे के इंटरवल के बिना पांच घंटे से अधिक लगातार काम नहीं करेगा।