Ashadha Amavasya 2025: इस दिन मनाई जाएगी आषाढ़ अमावस्या, पितृ दोष से मुक्ति पाने के लिए करें ये उपाय

Edited By Prachi Sharma,Updated: 12 Jun, 2025 07:00 AM

ashadha amavasya 2025

Ashadha Amavasya 2025:  हिंदू पंचांग में हर अमावस्या का विशेष महत्व होता है लेकिन आषाढ़ अमावस्या का स्थान पितृ पूजा और तर्पण के संदर्भ में और भी अधिक विशेष होता है। यह दिन न केवल आध्यात्मिक साधना के लिए महत्वपूर्ण है

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Ashadha Amavasya 2025:  हिंदू पंचांग में हर अमावस्या का विशेष महत्व होता है लेकिन आषाढ़ अमावस्या का स्थान पितृ पूजा और तर्पण के संदर्भ में और भी अधिक विशेष होता है। यह दिन न केवल आध्यात्मिक साधना के लिए महत्वपूर्ण है बल्कि इसे पितरों को श्रद्धांजलि देने का भी एक पावन अवसर माना जाता है। 2025 में आषाढ़ अमावस्या का पर्व 25 जून को मनाया जाएगा। इस दिन सूर्योदय से पूर्व स्नान-दान, तर्पण और पिंडदान करने का विशेष महत्व होता है।

आषाढ़ अमावस्या का महत्व
आषाढ़ अमावस्या को पितृ तर्पण, श्राद्ध और पिंडदान के लिए विशेष रूप से उपयुक्त माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन पूर्वजों की आत्मा धरती के समीप होती है और उन्हें श्रद्धा से किया गया तर्पण और दान सीधा प्राप्त होता है। जो व्यक्ति अपने पितरों की आत्मा की शांति के लिए इस दिन श्रद्धापूर्वक पूजा करता है, उसे उनके आशीर्वाद से जीवन में शांति, समृद्धि और उन्नति प्राप्त होती है।

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Do this work on Amavasya day अमावस्या के दिन करें ये काम 

स्नान और संकल्प
सुबह जल्दी उठकर पवित्र नदी या घर में स्नान करें। स्नान के बाद पवित्र जल लेकर संकल्प करें कि आप आज अपने पितरों की शांति और मोक्ष के लिए तर्पण व पूजा करेंगे।

तर्पण विधि
तर्पण करते समय जल में काले तिल, कुशा और चावल मिलाएं। तर्पण करते समय पितरों का नाम लेकर उन्हें जल अर्पित करें। यह क्रिया दक्षिण दिशा की ओर मुख करके की जाती है क्योंकि इसे पितरों की दिशा माना जाता है।

दान और सेवा
इस दिन ब्राह्मणों, वृद्धजनों, गायों और गरीबों को अन्न, वस्त्र, दक्षिणा आदि का दान करना अत्यंत पुण्यदायी माना गया है। यह दान पितरों की आत्मा को संतोष देने का एक प्रमुख साधन है।

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पितृ स्तोत्र और मंत्र जाप
ॐ पितृदेवाय नमः मंत्र का जाप करें और पितृ स्तोत्र का पाठ करें। इससे घर में पितृ दोष के प्रभाव को कम किया जा सकता है।

 पितरों को प्रसन्न करने के लिए करें ये उपाय 

आर्थिक परेशानी से मुक्ति पाने के लिए अमावस्या के दिन घी के दीपक में केसर और लौंग के दो दाने डालकर जलाएं। ऐसा करने से मां लक्ष्मी की कृपा आपके ऊपर बरसेगी पर जल्द ही परेशानी से मुक्ति मिलेगी। 

भगवान की कृपा अपने ऊपर बरसाने के लिए 108 बार तुलसी की माला से गायत्री मंत्र का जाप करें। ऐसा करने से जल्द ही आपका समस्या का अंत होगा। 

पितृ दोष से मुक्ति पाने के लिए खास तौर पर अमावस्या के दिन गंगा स्नान करें, यदि ऐसा नहीं कर सकते तो पानी में गंगा जल मिलाकर स्नान करें। ये उपाय आपकी समस्याओं को अंत करने के लिए बेहद कारगर होगा। 

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