Edited By Niyati Bhandari,Updated: 03 Sep, 2023 10:27 AM
हिन्दू कैलेंडर के अनुसार भाद्रपद कृष्ण पक्ष की चतुर्थी पर संकष्टी चतुर्थी के साथ बहुला चौथ का व्रत रखा जाएगा। वर्ष 2023 में ये व्रत 3 सितंबर को रखा जाएगा यानी आज। यह व्रत श्री
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Bahula Chaturthi 2023: हिन्दू कैलेंडर के अनुसार भाद्रपद कृष्ण पक्ष की चतुर्थी पर संकष्टी चतुर्थी के साथ बहुला चौथ का व्रत रखा जाएगा। वर्ष 2023 में ये व्रत 3 सितंबर को रखा जाएगा यानी आज। यह व्रत श्री कृष्ण और उनकी प्रिय गाय बहुला के लिए रखा जाता है। श्री कृष्ण को आज का दिन बहुत ही प्यारा है। जो व्यक्ति ये व्रत रखता है, नन्द के लाल उनसे हमेशा प्रसन्न रहते हैं। यशोदा नंदन के गौशाला में एक गाय थी जिसका नाम बहुला था, इस वजह से इसे बहुला चौथ के नाम से जाना जाता है। तो चलिए जानते हैं, आज के दिन कौन सी कथा करनी चाहिए।
Story of Bahula Chauth बहुला चौथ की कथा
किवंदतियों के अनुसार श्री कृष्ण की गौशाला में एक बहुला नामक कामधेनु गाय थी। ये गाय श्री कृष्ण को बहुत प्रिय थी। एक बार उन्होंने बहुला की परीक्षा लेने के बारे में सोचा। बहुला वन में घास चरने गई। तभी श्री कृष्ण शेर का रूप बदलकर कामधेनु गाय के पास गए और उसके ऊपर हमला बोल दिया। शेर को देखकर गाय बहुत परेशान हो गई। अपनी जान बचाने के लिए वो शेर से प्रार्थना करने लगी लेकिन उस शेर ने बहुला की एक न सुनी।
फिर बहुला ने कहा कि मेरा बछड़ा भूखा होगा, उसको दूध पिला कर कल में फिर आपके पास वापिस आ जाऊंगी, तब आप मेरा शिकार कर लेना। अपने बच्चे के प्रति प्रेम देखकर शेर के मन में दया आ गई और उसे जाने की आज्ञा दे दी। अगले दिन अपने वादे को पूरा करते हुए बहुला शेर के पास वापिस आ गई। शेर के रूप में श्री कृष्ण उसकी वचन बद्धता को देखकर बहुत प्रसन्न हुए और कहा कि कलियुग में तुम्हारी भाद्र मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को पूजा होगी। इस पूजा को करने के बाद महिलाओं को संतान सुख की प्राप्ति होगी। इसी वजह से आज के दिन बहुत से ग्वाले अपनी गाय का दूध नहीं निकालते और उसे बछड़े के लिए छोड़ देते हैं।
Importance of Bahula Chaturthi बहुला चतुर्थी का महत्व
बहुला चतुर्थी को सत्य और धर्म की जीत का प्रतीक माना जाता है। संतान सुख और उसके अच्छे जीवन की कामना के लिए ये व्रत बहुत ही फलदायी है।