Edited By Niyati Bhandari,Updated: 12 Feb, 2024 09:57 AM
ऋतु पर्व होने के साथ-साथ यह महान विभूतियों का स्मृति पर्व भी है। वसंत पंचमी के दिन ही पृथ्वीराज चौहान ने मोहम्मद गौरी को मौत के घाट उतार दिया था।
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Basant Panchami 2024: ऋतु पर्व होने के साथ-साथ यह महान विभूतियों का स्मृति पर्व भी है। वसंत पंचमी के दिन ही पृथ्वीराज चौहान ने मोहम्मद गौरी को मौत के घाट उतार दिया था। उन्होंने जिस तरह उसका वध किया वह घटना बड़ी दिलचस्प और हैरतअंगेज करने वाली है। वास्तव में पृथ्वीराज ने युद्ध में 16 बार मोहम्मद गौरी को पराजित किया और हर बार उदारता दिखाते हुए उसे माफ कर दिया लेकिन 17वीं बार हुए युद्ध में गौरी ने पृथ्वीराज को बंदी बना लिया और अपने साथ अफगानिस्तान ले गया। वहां उसने पृथ्वीराज चौहान की आंखें निकाल दीं लेकिन उन्हें मारने से पहले वह ‘शब्द भेदी बाण’ चलाने की उनकी कला का कमाल देखना चाहता था।
ऐसे में पृथ्वीराज के गहरे मित्र और कवि चंदबरदाई ने एक कविता के माध्यम से उन्हें गुप्त संदेश दिया :
चार बांस चौबीस गज,
अंगुल अष्ट प्रमाण,
ता ऊपर सुलतान है
मत चूको चौहान।
पृथ्वीराज ने हिसाब लगाकर निशाना साधा तो तीर सीधे गौरी की छाती में जाकर लगा। इसके बाद पृथ्वीराज और चंद बरदाई ने एक-दूसरे छुरा मार कर आत्म बलिदान दे दिया।
Vasant Panchami Amazing stories: वसंत पंचमी पर भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के पुरोधा व आजादी की अलख सबसे पहले जगाने वाले सतगुरु राम सिंह जी का जन्म दिन भी मनाया जाता है। उन्होंने गौहत्या एवं अंग्रेजों के शासन के विरुद्ध आवाज उठाई थी। अमर शहीद वीर बलिदानी बाल हकीकत राय का इतिहास भी वसंत पंचमी से जुड़ा है। वसंत पंचमी के दिन ही 23 फरवरी,1734 को एक छोटे से बाल वीर हकीकत राय द्वारा इस्लाम स्वीकार नहीं करने के कारण, उनका सिर धड़ से अलग कर दिया गया था। धर्म की रक्षा के लिए प्राणों की आहुति देने वाले वीर हकीकत राय अमर हो गए। इसी दिन हिन्दी के यशस्वी कवि पं. सूर्यकांत त्रिपाठी निराला का जन्मदिन भी होता है।