Christmas tree: ये हैं क्रिसमस ट्री से जुड़ी मान्यताएं और कहानियां

Edited By Updated: 25 Dec, 2024 09:05 AM

christmas tree

Christmas tree decorations: हर साल 25 दिसम्बर को ईसाई धर्म का पावन त्यौहार क्रिसमस मनाया जाता है। इस दिन क्रिसमस ट्री को घरों और गिरिजाघरों में सजाने का रिवाज है परंतु क्या आप जानते हैं कि ऐसा क्यों किया जाता है। आपको इसके पीछे की वजह, मान्यता तथा...

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

Christmas tree decorations: हर साल 25 दिसम्बर को ईसाई धर्म का पावन त्यौहार क्रिसमस मनाया जाता है। इस दिन क्रिसमस ट्री को घरों और गिरिजाघरों में सजाने का रिवाज है परंतु क्या आप जानते हैं कि ऐसा क्यों किया जाता है। आपको इसके पीछे की वजह, मान्यता तथा कहानी के बारे में बता रहे हैं। दुनिया भर में इससे जुड़ी अनेक मान्यताएं और कहानियां प्रचलित हैं-

PunjabKesari Christmas tree
Christmas tree: क्रिसमस ट्री को सदाबहार फर (सनोबर) के नाम से भी जानते हैं। यह एक ऐसा पेड़ है जो कभी नहीं मुरझाता और बर्फ में भी हमेशा हरा भरा रहता है। 

सदाबहार क्रिसमस ट्री आमतौर पर डगलस, बालसम या फर का पौधा होता है जिस पर क्रिसमस के दिन बहुत सजावट की जाती है। अनुमानत: इस प्रथा की शुरूआत प्राचीन काल में मिस्रवासियों, चीनियों या हिबू्र लोगों ने की थी।

यूरोप वासी भी सदाबहार पेड़ों से घरों को सजाते थे। ये लोग इस सदाबहार पेड़ की मालाओं, पुष्पहारों को जीवन की निरंतरता का प्रतीक मानते थे। उनका विश्वास था कि इन पौधों को घरों में सजाने से बुरी आत्माएं दूर रहती हैं।

आधुनिक क्रिसमस ट्री की शुरूआत पश्चिम जर्मनी में हुई। मध्यकाल में एक लोकप्रिय नाटक के मंचन के दौरान ईडन गार्डन को दिखाने के लिए फर के पौधों का प्रयोग किया गया जिस पर सेब लटकाए गए। 

उसके बाद जर्मनी के लोगों ने 24 दिसम्बर को फर के पेड़ों से अपने घर की सजावट करनी शुरू कर दी। इस पर रंगीन पत्रियों, कागजों और लकड़ी के तिकोने तख्ते सजाए जाते थे।

विक्टोरिया काल में इन पर मोमबत्तियों, टॉफियों और बढिय़ा किस्म के केकों को रिबन और कागज की पट्टियों से पेड़ पर बांधा जाता था।

क्रिसमस ट्री को सजाने के साथ ही इसमें खाने की चीजें रखने जैसे सोने के वर्क में लिपटे सेब, जिंजरब्रैड की भी परम्परा है। 

PunjabKesari Christmas tree

इंगलैंड में प्रिंस अल्बर्ट ने 1841 ईस्वी में विंडसर कैसल में पहला क्रिसमस ट्री लगाया था।

वैसे सदाबहार झाडिय़ों और पेड़ों को ईसा युग से पहले से ही पवित्र माना जाता रहा है। इसका मूल आधार रहा है कि फर के सदाबहार पेड़ बर्फीली सर्दियों में भी हरे-भरे रहते हैं। इसी धारणा के चलते रोमन लोगों ने सर्दियों में भगवान सूर्य के सम्मान में मनाए जाने वाले सैटर्नेलिया पर्व में चीड़ के पेड़ों को सजाने का रिवाज शुरू किया था। 

साथ ही क्रिसमस ट्री सजाने के पीछे घर के बच्चों की उम्र लंबी होने की मान्यता भी प्रचलित है। इसी वजह से क्रिसमस पर इसे सजाया जाता है। 

एक और मान्यता के अनुसार हजारों साल पहले उत्तर यूरोप में क्रिसमस के मौके सनोबर के पेड़ को सजाने की शुरूआत हुई थी। तब इसे चेन की मदद से घर के बाहर लटकाया जाता था। ऐसे लोग जो पेड़ खरीद नहीं सकते थे वे लकड़ी को पिरामिड का आकार देकर क्रिसमस ट्री के रूप में सजाते थे। 

साल 1947 में नॉर्वे ने ब्रिटेन को सदाबहार फर (सनोबर) का पेड़ दान करके द्वितीय विश्व युद्ध में मदद के लिए शुक्रिया किया था। 

PunjabKesari Christmas tree

अनूठे क्रिसमस ट्री
वर्ष 2015 में लिथुआनिया की राजधानी विलनियस में ऐसा क्रिसमस ट्री बनाया गया जिसमें प्रवेश करने पर आपको परीलोक जैसा अहसास हो। 

एक बार लंदन में एक ऐसा क्रिसमस ट्री बनाया गया जिसकी तस्वीरों ने पूरी दुनिया के बच्चों का मन मोह लिया। 14 मीटर ऊंचे इस विशालकाय क्रिसमस ट्री को बनाने में दो हजार आकर्षक खिलौने इस्तेमाल किए गए थे। 

रूस के मॉस्को शहर में स्थित गोर्की पार्क में लेटा हुआ था यानी जमीन पर आड़ा पड़ा क्रिसमस ट्री सजाया गया था। 

दक्षिण अमेरिकी देश ब्राजील के रियो डी जेनेरियो में साल 2014 में रोड्रिगो डी फ्रीटस झील में तैरता हुआ खूबसूरत क्रिसमस ट्री बनाया गया था। 

PunjabKesari Christmas tree

नॉर्वे के डोर्टमंड में जगमग करते 45 मीटर ऊंचे क्रिसमस ट्री को बनाने में कारीगरों को एक महीना लगा। इसे 1700 स्प्रूस ट्री को जोड़कर बनाया गया था और फिर इसके चारों तरफ शानदार लाइटिंग की गई थी।

वर्ष 2016 में संयुक्त अरब अमीरात में अबू धाबी के होटल अमीरात पैलेस होटल में सजाया गया क्रिसमस ट्री करोड़ों रुपए के हीरे-जवाहरात और स्वर्ण आभूषणों से सजा खास ट्री था। 

दुनिया का सबसे बड़ा कृत्रिम क्रिसमस ट्री श्रीलंका में है यह क्रिसमस ट्री कृत्रिम है और इसे श्रीलंका के कोलम्बो में गॉल फेस ग्रीन पर बनाया गया था। यह 72.1 मीटर ऊंचा है जिसे स्टील, तार फ्रेम, स्क्रैप धातु और लकड़ी से बनाया गया है। इसमें 6 लाख एल.ई.डी. बल्ब लगाए गए हैं।

PunjabKesari Christmas tree:

Related Story

    IPL
    Royal Challengers Bengaluru

    190/9

    20.0

    Punjab Kings

    184/7

    20.0

    Royal Challengers Bengaluru win by 6 runs

    RR 9.50
    img title
    img title

    Be on the top of everything happening around the world.

    Try Premium Service.

    Subscribe Now!