अलग है कुल्लू के दशहरे की बात, क्या आप जानते हैं क्या है इसकी खासियत

Edited By Jyoti,Updated: 05 Oct, 2022 11:29 AM

dussehra

नवरात्र के नौ दिनों में मां की आराधना करने के बाद दशमी पर बुराई पर अच्छाई की प्रतीक का त्योहार मनाया जाता है। इस दिन देशभर में रावण का पुतला जलाने की परंपरा है। हर साल अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को इसका आयोजन किया जाता है।

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
नवरात्र के नौ दिनों में मां की आराधना करने के बाद दशमी पर बुराई पर अच्छाई की प्रतीक का त्योहार मनाया जाता है। इस दिन देशभर में रावण का पुतला जलाने की परंपरा है। हर साल अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को इसका आयोजन किया जाता है। भगवान राम ने इसी दिन बुराई का अंत किया था। दुराचार का खात्मा किया था। और दुराचारी का वध करके सभी को उससे मुक्त कराया था। इसी तरह देवी दुर्गा ने भी एक भयानक राक्षस का विनाश कर विजय प्राप्त की थी। इसी दिन देवी दुर्गा ने महिषासुर को मौत के घाट उतार दिया। इसे असत्य पर सत्य की विजय के रूप में भी मनाया जाता है। इसीलिए इस दशमी को 'विजयादशमी' के नाम से जाना जाता है।

PunjabKesari Dussehra, Dussehra 2022, Dussehra 2022 in India, Vijayadashami, Vijayadashami 2022, Dussehra Date and Time, Kullu dussehra, Himachal Pradesh Dussehra, Kullu dussehra Specialty, कुल्लू दशहरा, Dharm, Punjab Kesari

जहां एक तरफ इस दिन देश के हर एक छोटे-बड़े शहर में दशहरे की धूम देखने को मिलती है। तो वहीं दूसरी तरफ एक जगह ऐसी भी है जहां पर लोग रावण का पुतला नहीं फूंकते। बल्कि दशहरा का त्योहार को मनाने के लिए रथयात्रा निकालते हैं। हम बात कर रहे हैं हिमाचल प्रदेश के कुल्लु के बारे में जो कि एक हिल स्टेशन के रूप में जाना जाता है। लेकिन आज हम आपको कुल्लु की हसीन वादियों के बारे में नहीं बताने जा रहे हैं। बल्कि यहां पर सदियों से चल रही दशहरे की अनोखी परंपरा के बारे में बताने जा रहे हैं। जो एतिहासिक दृष्टि से बहुत महत्व रखता है। कुल्लू में जिस अंदाज से लोग दशहरा मनाते हैं वो अपने आप में नायाब है। इसकी शुरुआत आश्विन माह की दशमी तिथि को होती है। जब पूरे भारत में विजयादशमी पर दुर्गा उत्सव की समाप्ति होती है तो उस दिन से इसका रंग और बढ़ने लगता है।

PunjabKesari Dussehra, Dussehra 2022, Dussehra 2022 in India, Vijayadashami, Vijayadashami 2022, Dussehra Date and Time, Kullu dussehra, Himachal Pradesh Dussehra, Kullu dussehra Specialty, कुल्लू दशहरा, Dharm, Punjab Kesari

इसकी एक और खासियत ये है कि जहां हर जगह रावण, मेघनाद और कुंभकर्ण का पुतला जलाया जाता है, कुल्लू में काम, क्रोध, मोह और अहंकार के नाश के प्रतीक के तौर पर पांच जानवरों की बलि दी जाती है। यहां रावण का दहन नहीं होता है बल्कि लंकादहन की परंपरा है। यहां पर दशहरा मनाने की ये अनोखी प्रथा 17वीं शताब्दी में शुरू की गई थी। उस समय कुल्लू में राजाओं का शासन चलता था। लोक मान्यताओं के अनुसार 17वीं शताब्दी में कुल्लू के राजा जगत सिंह के हाथों एक ब्राह्मण की मौत हो गई थी।

PunjabKesari Dussehra, Dussehra 2022, Dussehra 2022 in India, Vijayadashami, Vijayadashami 2022, Dussehra Date and Time, Kullu dussehra, Himachal Pradesh Dussehra, Kullu dussehra Specialty, कुल्लू दशहरा, Dharm, Punjab Kesari

1100  रुपए मूल्य की जन्म कुंडली मुफ्त में पाएं । अपनी जन्म तिथि अपने नाम , जन्म के समय और जन्म के स्थान के साथ हमें 96189-89025 पर वाट्स ऐप करें

PunjabKesari

इसके बाद राजा जगत ने प्रायश्चित करने के लिए अपने सिंहासन का त्याग कर दिया और उस पर भगवान रघुनाथ की मूर्ति को विराजमान कर दिया। इसके साथ ही राजा जगत सिंह ने कसम खाई कि अब से इस कुल्लू साम्राज्य पर केवल भगवान रघुनाथ के वंशज ही राज करेंगे। कथाओं की मानें तो राजा जगत, प्रभु राम की एक मूर्ति को लाने के लिए उनके जन्मस्थान अयोध्या पहुंचे। कुछ दिन बाद वापस आने पर राजा जगत ने प्रभु राम की उस मूर्ती को अपने सिंहासन पर स्थापित कर दिया। कुल्लू के लोगों का ऐसा मानना है कि दशहरा के दौरान प्रभु रघुनाथ स्वर्ग से और भी देवताओं को यहां बुलाते हैं।

PunjabKesari Dussehra, Dussehra 2022, Dussehra 2022 in India, Vijayadashami, Vijayadashami 2022, Dussehra Date and Time, Kullu dussehra, Himachal Pradesh Dussehra, Kullu dussehra Specialty, कुल्लू दशहरा, Dharm, Punjab Kesari

कुल्लू के दशहरे में अश्विन महीने के पहले 15 दिनों में राजा सभी देवी-देवताओं को धौलपुर घाटी में रघुनाथजी के सम्मान में यज्ञ करने के लिए न्योता देते हैं। 100 से ज्यादा देवी-देवताओं को रंग-बिरंगी सजी हुई पालकियों में बैठाया जाता है। इस उत्सव के पहले दिन दशहरे की देवी ‘मनाली की मां हिडिंबा’ कुल्लू आती हैं, जिसके बाद ही राजघराने के सभी सदस्यों की भीड़ उनका आशीर्वाद लेने के लिए उमड़ पड़ती है। सभी देवी- देवताओं को रथों में बैठाकर एक जगह से दूसरी जगह लेकर जाते हैं। बता दें कि ये रथ यात्रा 6 दिनों तक चलती है और 6 दिनों के बाद सभी रथों को इकट्ठा किया जाता है।

PunjabKesari Dussehra, Dussehra 2022, Dussehra 2022 in India, Vijayadashami, Vijayadashami 2022, Dussehra Date and Time, Kullu dussehra, Himachal Pradesh Dussehra, Kullu dussehra Specialty, कुल्लू दशहरा, Dharm, Punjab Kesari

ऐसा कहा जाता है कि सभी देवी-देवता इस दिन एक दूसरे से मिलते हैं और भगवान के इस मिलन को मोहल्ला का नाम दिया गया है। कुल्लू दशहरे के उत्सव में 5 बलि दी जाती है। मान्यता है कि दशहरे पर जीव की मृत्यु देने से क्रोध, मोझ, लोभ और अहंकार के दोष खत्म हो जाते हैं। इस उत्सव के आखिरी दिन लोग खूब सारी लकड़ियों को एकत्रित करके उसे जला देते हैं। ऐसा करने के पीछे लोगों का मानना है कि वे रावण के घर यानी की लंका को जला रहे हैं। उसके बाद रथ को दोबारा उसी जगह ले जाया जाता है और रघुनाथ जो को वापस मंदिर में स्थापित कर दिया जाता है तो इस तरह से कुल्लु के दशहरे का समापन होता है।

PunjabKesari Dussehra, Dussehra 2022, Dussehra 2022 in India, Vijayadashami, Vijayadashami 2022, Dussehra Date and Time, Kullu dussehra, Himachal Pradesh Dussehra, Kullu dussehra Specialty, कुल्लू दशहरा, Dharm, Punjab Kesari
 

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!