Edited By Prachi Sharma,Updated: 21 Dec, 2023 12:46 PM
गुरु 4 सितंबर को वक्री हो गए थे। अब 31 दिसंबर को 118 दिन बाद वक्री होने जा रहे हैं। कोई भी ग्रह जब वक्री होता है वो अपने अच्छे या बुरे हर
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Guru Margi 2023: गुरु 4 सितंबर को वक्री हो गए थे। अब 31 दिसंबर को 118 दिन बाद वक्री होने जा रहे हैं। कोई भी ग्रह जब वक्री होता है वो अपने अच्छे या बुरे हर तरह के फल तेजी के साथ देता है। वृष राशि में गुरु अष्टम भाव के स्वामी हो जाते हैं इस दौरान वो बहुत तेजी के साथ फल करेंगे। गुरु 22 अप्रैल 2023 में गोचर हुए। इस दौरान गुरु राहु-केतु के भाव में थे। गुरु मीन राशि में चले गए थे। गुरु किसी भी कुंडली में चार भावों के कारक होते हैं। गुरु धन, पंचम, नौवें और ग्यारहवें भाव के कारक हैं। गुरु मार्गी हो जाएंगे और सीधी चाल चलेंगे। तो चलिए अब जानते हैं ऐसी कौन सी राशियां हैं जिन्हें फायदा मिलने वाला है।
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मीन राशि: गुरु का गोचर दूसरे भाव में शुभ होता है। दूसरे भाव में जब गुरु बैठते हैं तो वो धन भाव को देखते हैं। जिन लोगों को कर्ज की समस्या है तो वहां पर राहत मिल सकती है। गुरु की सातवीं दृष्टि जाती है अष्टम भाव के ऊपर। अष्टम भाव अचानक से दुर्घटना और फायदे का भाव है। अब नौवीं दृष्टि जाएगी दशम भाव के ऊपर। दूसरे भाव में जब गुरु बैठते हैं तो नौवीं दृष्टि जाएगी कर्म स्थान के ऊपर। इसका मतलब आपका काम बढ़ सकता है। चाहे आप नौकरी कर रहे हैं या फिर व्यापार उसके लिए समय बहुत बढ़िया रहेगा। कारोबार में वृद्धि होने की सम्भावना है। जो लोग नई नौकरी ढूंढ रहे हैं उनके लिए समय बहुत ही बेहतर रहेगा। जब दूसरे भाव में गुरु गोचर कर रहे हैं। तो उन लोगों को नौकरी मिल सकती है जो नया काम ढूंढ रहे हैं। जॉब या कारोबार के लिहाज से समय बेहतर रहेगा।
धनु राशि: धनु राशि लग्न में होगी तो मेष राशि पंचम भाव में आ जाएगी। धनु राशि के लिए गुरु पंचम भाव में बैठे हैं। धनु राशि के लिए मंगल मित्र की तरह फल करते हैं। पंचम में जब गुरु बैठेंगे तो सीधा ग्यारहवें भाव को सक्रिय करेंगे। संतान आने के भी योग है। अध्यात्म वाले भाव के ऊपर भी गुरु की दृष्टि है। धार्मिक कार्यों में मन लगा रहेगा। पंचम की एक दृष्टि लग्न के ऊपर भी जाएगी। मन पॉजिटिव बना रहेगा। कार्यक्षेत्र में प्रमोशन संभव है। राजनीति से जुड़े जातकों के लिए भी समय बहुत बेहतर रहेगा।
तुला राशि: तुला राशि के लिए गुरु सप्तम भाव में गोचर करेंगे। ये ये सीधा सातवीं दृष्टि से चन्द्रमा को या फिर लग्न को देखेंगे। भाइयों से फायदा हो सकता है। सप्तम में गुरु का गोचर शादी करवाएगा। गुरु सप्तम में बैठेंगे तो शादी करवाएंगे खासतौर और महिलाओं के लिए। महिलाओं के लिए गुरु हस्बैंड के कारक होते हैं। शादी का भी योग बन सकता है।
सिंह राशि: सिंह राशि के लिए गुरु नौवें भाव में गोचर करेंगे और पंचम भाव को देखेंगे। हर काम को बहुत ही लग्न के साथ करेंगे। गुरु की एक दृष्टि तीसरे भाव के ऊपर जाएगी। भाई से या फिर भाई को फायदा हो सकता है। गुरु नौवें बैठे हैं तो पंचम को सक्रिय कर देंगे। सिंगल के लिए रिलेशनशिप का स्थान है। इनको हो सकता है कोई न कोई पार्टनर मिल जाए। जिनके यहां पर संतान नहीं है उनको संतान की प्राप्ति हो सकती है। गुरु संतान के कारक ग्रह है।
मिथुन राशि: मिथुन राशि के लिए गुरु ग्यारहवें भाव के कारक हैं। आय भाव के कारक गुरु हैं। ये पांचवी दृष्टि से सीधा तीसरे भाव को देखेंगे। ये धन भाव होता है। भाइयों से या फिर भाई को फायदा हो सकता है। गुरु पंचम को एक्टिवेट करता है। जिनके संतान नहीं है उनके यहां संतान होने के भी योग बन रहे हैं। जो शादी की वेट कर रहे हैं उनके लिए भी समय बहुत बढ़िया है। गुरु ग्यारहवें भाव को एक्टिव करते हैं तो गुरु की दृष्टि सप्तम भाव के ऊपर जाती है। यदि पार्टनर के साथ लड़ाई-झगड़ा चल रहा है तो वो दूर होने की सम्भावना है। बिजनेस पार्टनर के साथ अगर कोई लड़ाई चल रही थी वो भी सही हो जाएगी।
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वृश्चिक राशि: वृश्चिक राशि के लिए छठे भाव में गोचर हो रहा है। गुरु दूसरे भाव के स्वामी बनते हैं। गुरु की दृष्टि दशम भाव के ऊपर रहेगी। रोग, ऋण और शत्रु के लिहाज से समय सही नहीं है। यहां पर गुरु की धनु राशि आ जाती है। पंचम भाव में गुरु की मीन राशि होती है। ये गोचर वृश्चिक राशि के लिए शुभ नहीं है।
कन्या राशि: कन्या राशि के लिए अष्टम में गोचर होगा। अष्टम में गोचर भी बढ़िया नहीं है। अपने पासवर्ड को ध्यान से रखें। ड्राइविंग स्लो करें।
वृष राशि: वृष राशि के लिए बारहवें का गोचर बढ़िया नहीं है। खर्चें सारे यहां से आते हैं। नींद में कमी देखने को मिल सकती है। शुक्र को इसका असर नहीं पड़ता।