Edited By Jyoti,Updated: 11 Jun, 2021 10:53 AM
पुरी में होने वाली जगन्नाथ यात्रा न केेवल देश में बल्कि विदेशों तक प्रसिद्ध है। इस यात्रा में हर साल लाखों की तादाद में लोग शामिल होते हैं। परंतु बीते वर्ष की तरह इस बार भी देश में कोरोना
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पुरी में होने वाली जगन्नाथ यात्रा न केेवल देश में बल्कि विदेशों तक प्रसिद्ध है। इस यात्रा में हर साल लाखों की तादाद में लोग शामिल होते हैं। परंतु बीते वर्ष की तरह इस बार भी देश में कोरोना वायरस के चलते जगन्नाथ रथ यात्रा को लेकर बड़ा फैसला लिया गया है। इसके तहत लगभग 285 वर्षों में ऐसा पहली बार होगा कि पुरी में होने वाली जगन्नाथ यात्रा में भक्त शामिल नहीं हो पाएंगे। हालांकि बीते वर्ष 2020 में भी कोरोना ने आफत मचा रखी थी, जिस के चलते यह प्रसिद्ध यात्रा सांकेतिक तौर पर संपन्न की गई थी।
खबरों के अनुसार इस बार की जगन्नाथ यात्रा को लेकर ओडिशा के स्पेशल रिलीफ कमिश्नर प्रदीप के जेना ने जानकारी दी है कि कोरोना के चलते इस वर्ष भी नियमों के अंतर्गत ही रथयात्रा निकाली जाएगी। जिसमें भक्तों को आने की अनुमति नहीं दी जाएगी। जो लोग शामिल होंगे उनके लिए कोरोना का नेगेटिव रिपोर्ट तथा वैक्सीनेटेड होना अनिवार्य होगा।
माना जा रहा है कि लगभग 285 वर्षो में ऐसा पहली बार होगी कि पुरी की जगन्नाथ रथ यात्रा बिना श्रद्धालुओं के निकाली जाएगी। हालांकि मंदिर के रिकॉर्ड की मानें तो इससे पहले 2504 में आक्रमणकारियों द्वारा मंदिर को नष्ट करने की कोशिश को नाकाम करने के लिए लगभग 144 सालों तक मंदिर बंद रहा था। जिस दौरान यहां होने वाली तमाम पूजा पाठ की परंपराएं भी बंद रहीं थी।
बताया जाता है कि आद्य शंकराचार्य जी ने इन परंपराओं को दोबारा शुरू किया था। जिसके बाद से अभी तक हर परिस्थिति में मंदिर की सभी परंपराओं का विधिवत पालन किया जा रहा है। प्रचलित मान्यताओं के अनुसार भगवान श्रीकृष्ण के अवतार जगन्नाथ की रथयात्रा का पुण्य सौ यज्ञों के समान होता है। प्रत्येक वर्ष इसकी तैयारी अक्षय तृतीया के दिन श्रीकृष्ण, बलराम और सुभद्रा के रथों के निर्माण के साथ शुरू हो जाती है।
बता दें भगवान जगन्नाथपुरी की यह यात्रा जगन्नाथपुरी के अलावा सामान्य स्थितियों में गुजरात, असम, जम्मू, दिल्ली, आंध्र प्रदेश, अमृतसर, भोपाल, बनारस और लखनऊ में भी निकाली जाती है। इसके अलावा विदेशों में जैसे बांग्लादेश, सैन फ्रांसिस्को और लंदन में भी रथयात्रा निकाली जाती है।
हिंदी पंचांग के मुताबिक साल 2021 में जगन्नाथ पूरी रथ यात्रा 12 जुलाई से शुरू होगी तथा 20 जुलाई देवशयनी एकादशी के दिन को खत्म होगी। इस यात्रा के पहले दिन भगवान जगन्नाथ प्रसिद्ध गुंडिचा माता के मंदिर में जाते हैं।