Journey of Bharat: पुराणों से लेकर अब तक भारत ने तय किया लम्बा सफर

Edited By Niyati Bhandari,Updated: 06 Sep, 2023 07:22 AM

journey of bharat

‘इंडिया’ नहीं भारत... पर एक बार फिर चर्चा तेज हो गई है। पहले से ही संविधान से ‘इंडिया’ शब्द हटाने पर जोर दिया जाता रहा है। ऐसे में हम सबके लिए

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

नई दिल्ली (इंट): ‘इंडिया’ नहीं भारत... पर एक बार फिर चर्चा तेज हो गई है। पहले से ही संविधान से ‘इंडिया’ शब्द हटाने पर जोर दिया जाता रहा है। ऐसे में हम सबके लिए देश के नाम के पीछे की ‘यात्रा’ को जानना-समझना बहुत जरूरी है।  प्राचीनकाल से ही हमारे देश के अलग-अलग नाम रहे हैं। प्राचीन ग्रंथों में देश के अलग-अलग नाम लिखे गए- जैसे जम्बूद्वीप, भारतखंड, हिमवर्ष, अजनाभ वर्ष, आर्यावर्त तो वहीं अपने-अपने जमाने के इतिहासकारों ने हिंद, हिंदुस्तान, भारतवर्ष, इंडिया जैसे नाम दिए, लेकिन इनमें ‘भारत’ सबसे ज्यादा लोकप्रिय रहा। 

विष्णु पुराण में भी है ‘भारत’ का उल्लेख
विष्णु पुराण में एक श्लोक है : उत्तरं यत्समुद्रस्य हिमाद्रेश्चैव दक्षिणम्। वर्षं तद् भारतं नाम भारती यत्र सन्तति:।। यानी, जो समुद्र के उत्तर व हिमालय के दक्षिण में है, वह भारतवर्ष है और हम उसकी संतानें हैं। विष्णु पुराण कहता है कि जब ऋषभदेव ने वन प्रस्थान किया तो अपने ज्येष्ठ पुत्र भरत को उत्तराधिकार दिया जिससे इस देश का नाम भारतवर्ष पड़ गया। हम भारतीय आम बोलचाल में भी इस तथ्य को बार-बार दोहराते हैं कि कश्मीर से कन्याकुमारी तक हमारा पूरा राष्ट्र बसता है। यह भारत का एक छोर से दूसरा छोर है। 

भारतखंड
वेद, पुराण, महाभारत और रामायण सहित कई अन्य भारतीय ग्रंथों में भारतखंड नाम दिया गया है, जिसका अर्थ है भारत का भाग यानी भारत की भूमि को बताने के लिए भारतखंड कहा गया।

आर्यावर्त
कहा जाता है कि आर्य भारत के मूल निवासी थे। वे समुद्री रास्तों से यहां पहुंचे और आर्यों द्वारा इस देश को बसाया गया था। इसकी वजह से इस देश को आर्यावर्त या आर्यों की भूमि कहा गया।

हिमवर्ष
हिमालय के नाम पर भारत को पहले हिमवर्ष भी कहा जाता था। वायु पुराण में कहीं एक जगह जिक्र है कि बहुत पहले भारतवर्ष का नाम हिमवर्ष था।

कैसे मिला हिंदुस्तान नाम?
अब बात करते हैं उस नाम की जो गंगाजमनी तहजीब की निशानी के तौर पर भारत की एकता और अखंडता का गौरव बखान करता है। यह नाम है ‘हिंदुस्तान’, बताया जाता है कि मध्य युग में जब तुर्क और ईरानी यहां आए तो उन्होंने सिंधु घाटी से प्रवेश किया। वे लोग ‘स’ अक्षर का उच्चारण ‘ह’ बोलकर करते थे। इस तरह सिंधु का अपभ्रंश हिंदू हुआ। इसी से मुल्क का नाम ङ्क्षहदुस्तान हो गया। इसके पीछे कालांतर में हिंदू शब्द से हिंदुस्तान का जिक्र होने लगा।

इंडिया नाम कैसे मिला?
अंग्रेज जब हमारे देश में आए तो उन्होंने सिंधु घाटी को इंडस वैली कहा और उसी आधार पर इस देश का नाम इंडिया कर दिया। यह इसलिए भी माना जाता है क्योंकि भारत या हिंदुस्तान कहने में मुश्किल लगता था और इंडिया कहना काफी आसान। तभी से भारत को इंडिया कहा जाने लगा। 

भारत और भारतवर्ष नाम कैसे पड़ा?
इसे लेकर कई दावे किए जाते हैं। पौराणिक युग की मान्यता के अनुसार ‘भरत’ नाम के कई व्यक्ति हुए हैं जिनके नाम पर भारत नाम माना जाता रहा है। एक मान्यता यह है कि महाभारत में हस्तिनापुर के महाराजा दुष्यंत और शकुंतला के पुत्र भरत के नाम पर देश का नाम भारत रखा गया। वहीं भरत एक चक्रवर्ती सम्राट भी हुए, जिन्हें चारों दिशाओं की भूमि का स्वामी कहा जाता था। एक दावा यह भी है कि सम्राट भरत के नाम पर ही देश का नाम ‘भारतवर्ष’ पड़ा। संस्कृत में वर्ष का अर्थ इलाका या हिस्सा भी होता है।

सबसे प्रचलित मान्यता के अनुसार दशरथ पुत्र और प्रभु श्री राम के अनुज भरत के नाम पर इस देश का नाम भारत पड़ा। वहीं एक मान्यता यह भी है कि नाट्यशास्त्र में जिन भरतमुनि का जिक्र है, उन्हीं के नाम पर देश का नाम रखा गया। राजॢष भरत के बारे में भी उल्लेख मिलता है जिनके नाम पर जड़भरत मुहावरा काफी प्रचलित है। इसी तरह मत्स्यपुराण में उल्लेख है कि मनु को प्रजा को जन्म देने वाले वर और उसका भरण-पोषण करने के कारण भरत कहा गया। भारत नामकरण के आधार सूत्र जैन परंपरा में भी मिलते हैं।
 

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!