Jagannath Puri Mandir : जगन्नाथ मंदिर रत्न भंडार वर्षों बाद खुलने की तैयारी, बैठक में तय हुई पूरी प्रक्रिया

Edited By Updated: 31 Dec, 2025 10:31 AM

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Jagannath Puri Mandir : ओडिशा के पुरी स्थित विश्व प्रसिद्ध श्री जगन्नाथ मंदिर में इन दिनों दो बड़े विषयों पर गहमागहमी तेज है पहला, सदियों पुराने रत्न भंडार का ऑडिट और दूसरा, नए साल के आगमन पर मंदिर की दर्शन व्यवस्था।

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Jagannath Puri Mandir : ओडिशा के पुरी स्थित विश्व प्रसिद्ध श्री जगन्नाथ मंदिर में इन दिनों दो बड़े विषयों पर गहमागहमी तेज है पहला, सदियों पुराने रत्न भंडार का ऑडिट और दूसरा, नए साल के आगमन पर मंदिर की दर्शन व्यवस्था।

रत्न भंडार का खुलेगा रहस्य
मंदिर के रत्न भंडार के भीतरी कक्ष को खोलने और उसमें मौजूद सोने-चांदी के आभूषणों की सूची तैयार करने के लिए गठित उच्च स्तरीय समिति की एक महत्वपूर्ण बैठक हुई।

प्रक्रिया (SOP): सेवानिवृत्त न्यायाधीश बिस्वनाथ रथ की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में खजाने की जांच के लिए मानक संचालन प्रक्रिया को अंतिम रूप दिया गया।

अगला कदम: इस योजना को पहले मंदिर प्रबंधन समिति और फिर ओडिशा सरकार की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा।

इतिहास: गौरतलब है कि 1978 के बाद से रत्न भंडार की कोई विस्तृत जांच नहीं हुई है। वर्तमान मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी की सरकार पारदर्शिता और सुरक्षा के साथ इस ऐतिहासिक ऑडिट को पूरा करने के पक्ष में है।

नए साल की व्यवस्था और ध्वजा अनुष्ठान
1 जनवरी 2026 को उमड़ने वाली भक्तों की भारी भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने मंदिर की कार्यसूची में बदलाव किया है।

समय में बदलाव: मंदिर के शिखर पर होने वाले 'ध्वजा बंधा' अनुष्ठान को शाम के बजाय दोपहर 3 बजे तक पूरा करने का निर्णय लिया गया है, ताकि दर्शनार्थियों को भीड़ के कारण परेशानी न हो।

धी रात को मंदिर खोलने पर विवाद
इस बीच, 1 जनवरी की मध्यरात्रि (रात 12 बजे) मंदिर खोलने के फैसले पर विवाद शुरू हो गया है।

विरोध का कारण: मंदिर प्रबंधन समिति के कुछ सदस्यों और वरिष्ठ सेवायतों (पुजारियों) ने इस पर कड़ी आपत्ति जताई है। उनका तर्क है कि 1 जनवरी हिंदू नववर्ष नहीं है (हिंदू नववर्ष अप्रैल में आता है)।

धार्मिक तर्क: सेवायतों का कहना है कि भगवान को रात में विश्राम (पाहुड़ा) के तुरंत बाद जगाना शास्त्रीय परंपराओं और वैष्णव मर्यादा के खिलाफ है। इस संबंध में गजपति महाराज और सरकार को पत्र लिखकर परंपराओं का सम्मान करने की मांग की गई है।
 


 

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