Edited By Sarita Thapa,Updated: 02 Dec, 2025 12:15 PM

अगर आप नए साल का आगाज भगवान महाकाल की अद्भुत भस्म आरती के साथ करने की सोच रहे हैं, तो आपको मंदिर प्रशासन द्वारा किए गए अति-महत्वपूर्ण बदलावों की जानकारी होना ज़रूरी है।
अगर आप नए साल का आगाज भगवान महाकाल की अद्भुत भस्म आरती के साथ करने की सोच रहे हैं, तो आपको मंदिर प्रशासन द्वारा किए गए अति-महत्वपूर्ण बदलावों की जानकारी होना ज़रूरी है। साल के आखिरी और शुरुआती दिनों में लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए, दर्शन व्यवस्था में कुछ अस्थायी नियम लागू किए जाते हैं। नए साल के दौरान भक्तों की अत्यधिक भीड़ को देखते हुए, मंदिर प्रशासन ने दर्शन व्यवस्था में कुछ महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं।
प्रमुख और महत्वपूर्ण बदलाव
भस्म आरती की बुकिंग हुई बंद
तारीखें- आमतौर पर 25 दिसंबर से लेकर 5 जनवरी तक की अवधि के लिए महाकाल भस्म आरती की ऑनलाइन बुकिंग सुविधा पूरी तरह से बंद कर दी गई है।
ऑफलाइन अनुमति- इन दिनों में ऑफलाइन अनुमति व्यवस्था भी आमतौर पर स्थगित रखी जाती है।
कारण- नव वर्ष पर लाखों श्रद्धालुओं के आने की संभावना होती है, जिससे भीड़ को नियंत्रित करना और वीआईपी व्यवस्था को संभालना मुश्किल होता है।
चलायमान दर्शन की व्यवस्थाa
ऑनलाइन या ऑफलाइन अनुमति नहीं होने के कारण, इस दौरान सभी भक्त बाबा महाकाल की भस्म आरती के 'चलायमान दर्शन' कर सकेंगे। दर्शनार्थी कार्तिकेय मंडपम से होकर निकलेंगे और बिना रुके चलते हुए आरती के दर्शन करेंगे।
सामान्य दर्शन और अन्य व्यवस्थाएं
31 दिसंबर और 1 जनवरी जैसे अत्यधिक भीड़ वाले दिनों में ₹250 की शीघ्र दर्शन टिकट व्यवस्था भी अक्सर बंद कर दी जाती है। भक्तों को सुगमता से दर्शन कराने के लिए विशेष प्लान तैयार किया जाता है, जिससे दावा है कि श्रद्धालु लगभग 45 मिनट में दर्शन कर सकेंगे। दर्शनार्थियों को आमतौर पर कर्कराज पार्किंग से शक्तिपथ के रास्ते, श्री महाकाल महालोक से होते हुए मंदिर में प्रवेश दिया जाता है।
इसके बाद वे गणेश व कार्तिकेय मंडप से दर्शन करते हैं। बाहर निकलने के लिए गेट-10 या निर्माल्य द्वार का उपयोग किया जाता है। हालांकि चलायमान दर्शन के लिए ड्रेस कोड अनिवार्य नहीं होता, लेकिन भस्म आरती में बैठने के लिए (जब बुकिंग खुली हो) पुरुषों के लिए धोती और महिलाओं के लिए साड़ी या सलवार-सूट ज़रूरी होता है।
शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ