Edited By Niyati Bhandari,Updated: 20 Jun, 2022 08:05 AM
हिंदू पंचांग के अनुसार हर महीने कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को कालाष्टमी के रूप में मनाया जाता है। इस दिन भगवान शिव के पांचवे अवतार काल भैरव की पूजा और व्रत करने का बहुत महत्व है। माना जाता है
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Kalashtami 2022: हिंदू पंचांग के अनुसार हर महीने कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को कालाष्टमी के रूप में मनाया जाता है। इस दिन भगवान शिव के पांचवे अवतार काल भैरव की पूजा और व्रत करने का बहुत महत्व है। माना जाता है कि भगवान भैरव के भक्तों का बुरा करने वालों को तीनों लोकों में कोई शरण नहीं दे सकता और जो भी इंसान काल भैरव को प्रसन्न कर लेता है, उसका कोई बाल भी बांका नहीं कर पाता है।
Kalashtami shubh muhurat शुभ मुहूर्त
आज 20 जून, सोमवार को आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि है। जो रात 09 बजकर 01 मिनट से प्रारंभ होगी। इस तिथि का समापन कल 21 जून मंगलवार को रात 08 बजकर 30 मिनट पर होगा। बाबा काल भैरव तंत्र मंत्र के प्रधान देवता हैं। अत: इनकी पूजा रात के समय होती है।
सुबह 08 बजकर 28 मिनट तक प्रीति योग रहेगा तत्पश्चात आयुष्मान योग का आरंभ होगा। ये दोनों योग मांगलिक कार्यों के लिए उत्तम माने गए गए हैं। अभिजित मुहूर्त 11 बजकर 55 मिनट से दोपहर 12 बजकर 51 मिनट तक रहेगा। इस दौरान भी शुभ काम किए जा सकते हैं। राहुकाल प्रात: 07 बजकर 08 मिनट से 08 बजकर 53 मिनट तक रहेगा। भद्रा प्रात: 05 बजकर 24 मिनट से 09 बजकर 34 मिनट तक है। राहुकाल और भद्रा में कोई भी शुभ काम नहीं किया जाता। पंचक भी रहेगी।
Kalashtami puja vidhi पूजा विधि
प्रातः काल ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करके काल भैरव की पूजा-अर्चना करें। इस दिन शिव मंदिर में जाकर भगवान शिव और माता पार्वती की भी आराधना करें। अगर घर पर हैं तो काला आसन बिछा कर उसके ऊपर भगवान शिव की प्रतिमा को रखें, साथ में माता पार्वती और गणेश की प्रतिमा स्थापित करें। विधि-विधान से पूजा-अर्चना करके आरती करें। फिर भगवान को भोग लगाएं। समस्त भय को हरने वाले बाबा काल भैरव की कृपा प्राप्त होगी और कोई भी मन्नत अधूरी नहीं रहेगी।