Mithun Rashi 2025: मिथुन राशि की असली पहचान, क्या कहते हैं ग्रह, नक्षत्र और भाग्य ?

Edited By Prachi Sharma,Updated: 09 Jun, 2025 07:01 AM

Mithun Rashi 2025: यदि आपका नाम अंग्रेजी के शब्द K, G, D या H से शुरू होता है। आपके स्वभाव की इस राशि का स्वामी बुध है। बुध के प्रभाव से ऐसे लोग दूसरों के मकसद को आसानी से भांप जाते हैं और बहुत ही कैलकुलेटिव किस्म के होते हैं।

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 Mithun Rashi 2025: यदि आपका नाम अंग्रेजी के शब्द K, G, D या H से शुरू होता है। आपके स्वभाव की इस राशि का स्वामी बुध है। बुध के प्रभाव से ऐसे लोग दूसरों के मकसद को आसानी से भांप जाते हैं और बहुत ही कैलकुलेटिव किस्म के होते हैं। बुध कुमार ग्रह हैं लिहाजा यह देखने में काफी यंग लगते हैं मिथुन राशि का जातक 50 साल की आयु में भी आपको लगेगा कि वह छोटा ही है। बुध कला का कारक ग्रह है लिहाजा यह लोग कला प्रेमी भी होते हैं, इन्हें संगीत और नृत्य बहुत पसंद होता है। इस राशि का सिंबल पुरुष और महिला की जोड़ी है। यह लोगखूब बाततूनी होते हैं क्योंकि यह राशि वायु तत्व की राशि है लिहाजा इन्हें हवाई किले बनाने की भी बहुत आदत होती है। 

 यह लोग अक्सर स्थिर नहीं रहते और इनकी सोच भी समय के साथ बदलती रहती है। इस कारण लोग इन पर भरोसा नहीं कर पाते क्योंकि अपने स्वभाव के कारण ही इनकी क्रेडिबिलिटी पर भी इसका असर पड़ता है। मिथुन राशि के जातक अक्सर नौकरी में सफल होते हैं और काम के दौरान अपनी ड्यूटी को बखूबी निभाते हैं। इस राशि की दिशा व्यस्त होती है जिसके कारण ऐसे जातकों को पश्चिम दिशा का घर या पश्चिम दिशा का ट्रैवल अक्सर बहुत रास आता है। मिथुन राशि  रात्रि वाली राशि है तो इन्हें अक्सर रात के समय आप ज्यादा एक्टिव पाएंगे यानी कि सूर्य अस्त के बाद इनकी बॉडी और माइंड ज्यादा एक्टिव रहते हैं। 

मिथुन राशि के जातकों का करियर
मिथुन राशि के जातक या तो मंगल के मृषा नक्षत्र में पैदा होते हैं। दो चरण आते हैं इसके राहु के आर्द्रा के चार चरण आते हैं। गुरु के विशाखा नक्षत्र के तीन चरण आते हैं। इस राशि के जातक करियर की शुरुआत मंगल या गुरु की महादशा में करते हैं और करियर का पीक आते-आते इन पर शनि की महादशा शुरू हो जाती है। करियर में अधिकतर ग्रोथ गुरु और शनि की महादशा में ही मिथुन राशि के जातकों को मिलती है। उस समय यह करीब 40 साल की आयु को पार कर जाते हैं, गुरु इनकी कुंडली में करियर के भाव यानी कि दशव भाव का स्वामी भी होता है। यहां पर मीन राशि आ जाती है गुरु की जबकि शनि इनके लिए भाग्य स्थान का स्वामी होता है क्योंकि यह बुध की राशि है तो शनि मित्र हो जाता है। शनि की स्थिति यदि कुंडली में अच्छी हो तो शनि ही अपनी दशाओं में 19 साल की इनकी महादशा होती है, इन्हें जीवन में नई ऊंचाई तक ले जाता है और नए मुकाम यह लोग हासिल कर लेते हैं। 

मिथुन राशि के जातकों का रिलेशनशिप
जिनके स्वामी शुक्र, शनि, बुध है यानी कि वृषभ, तुला, मकर, कन्या राशि, कुंभ राशि के जातकों के साथ इनकी अंडरस्टैंडिंग बाकी जातकों के मुकाबले ज्यादा बेटर हो सकती है। मिथुन राशि के जातकों के सातवें भाव यानी कि शादी वाले भाव में धनु राशि आती है। लिहाजा इनका पार्टनर होता है वह गुरु से प्रभावित होता है और पार्टनर के पूर्व दिशा में मिलने के चांसेस ज्यादा बढ़ जाते हैं। पार्टनर हो सकता है कि वह आपका एजुकेशन से संबंधित हो या फाइनेंस से संबंधित हो। वायु तत्व की राशि होने के कारण इन्हें गैस से संबंधित समस्या हो सकती है और ऐसे जातक अक्सर पाचन की समस्या से जूझते रहते हैं, इसके अलावा इन्हें श्वास से संबंधित परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। जब मौसम बदलता है तो इन्हें अपना खास तौर पर ज्यादा ध्यान रखना चाहिए। मिथुन राशि के जातक होते हैं लिहाजा इन्हें अपने खाने-पीने पर ध्यान रखना चाहिए और स्मोकिंग से बचना चाहिए यदि यह स्मोकिंग से बचेंगे तो इन्हें लॉन्ग टर्म में बहुत ज्यादा दिक्कतें नहीं आएंगी। 

मिथुन राशि के जातक करें ये उपाय
मिथुन राशि के जातकों के लिए शनि भाग्य स्थान के स्वामी हो जाते हैं क्योंकि वहां पर 11 राशि आ गई मूत्र त्रिकोण राशि होती है। कुंभ राशि शनि की भाग्य स्थान में आ जाएगी। शुक्र पंचम के स्वामी हो जाएंगे क्योंकि वहां पर तुला राशि आ जाएगी। अपने राशि स्वामी बुध के स्टोन के अलावा यह बुध का स्टोन पन्ना होता है, यह हीरा डाल सकते हैं। शनि का नीलम धारण कर सकते हैं लेकिन कोई भी स्टोन तब तक मत डालिए जब तक यह ग्रह आपकी लग्न कुंडली के केंद्र त्रिकोण या लाभ स्थान में न हो। यदि ग्रह छठे, आठवें, 12वें, दूसरे, तीसरे भाव में पड़ा है तो स्टोन मत धारण करिए। यदि ये स्टोन धारण करते हैं तो आपको ऐसी स्थिति में दिक्कत आ सकती है। 

बुध की रेमेडी के तौर पर एक पेड़ लगा सकते हैं। पेड़ों से हरियाली आती है और बुध हरियाली के कारक ही ग्रह हैं। 

इसके अलावा मूंग, चीनी, कपूर की हरी दाल दान करें। 

ॐ बुं बुधाय नम: का जप कर सकते हैं। यदि आप लगता है कि आपको रुद्राक्ष धारण करना चाहिए तो मिथुन राशि के जातकों को चार मुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिए।

नरेश कुमार
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