Mohini Ekadashi 2025: धन, वैभव और सुख की प्राप्ति के लिए मोहिनी एकादशी के दिन करें इस चालीसा का पाठ

Edited By Updated: 07 May, 2025 02:03 PM

mohini ekadashi 2025

Mohini Ekadashi 2025: हिंदू धर्म में हर विष्णु जी को प्रसन्न करने और उनकी कृपा पाने के लिए एकादशी का दिन बहुत शुभ माना जाता है। इस दिन श्री हरि और देवी लक्ष्मी की विधि-विधान से पूजा अर्चना की जाती है।

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

Mohini Ekadashi 2025: हिंदू धर्म में हर विष्णु जी को प्रसन्न करने और उनकी कृपा पाने के लिए एकादशी का दिन बहुत शुभ माना जाता है। इस दिन श्री हरि और देवी लक्ष्मी की विधि-विधान से पूजा अर्चना की जाती है। मोहिनी एकादशी का व्रत 8 मई 2025, गुरुवार के दिन रखा जाएगा। इस दिन पूरे विधि-विधान और सच्चे मन से विष्णु जी और माता लक्ष्मी की पूजा करने और व्रत रखने से सभी पापों का नाश होता है और जीवन में सभी सुखों की प्राप्ति होती है। मोहिनी एकादशी के दिन पूजा के दौरान लक्ष्मी चालीसा का पाठ करना चाहिए। तो आइए जानते हैं लक्ष्मी चालीसा का पाठ के बारे में-  

PunjabKesari Mohini Ekadashi

श्री लक्ष्मी चालीसा

सोरठा
यही मोर अरदास, हाथ जोड़ विनती करुं।

सब विधि करौ सुवास, जय जननि जगदंबिका॥

PunjabKesari Mohini Ekadashi

चौपाई
सिन्धु सुता मैं सुमिरौ तोही। ज्ञान बुद्घि विघा दो मोही॥

तुम समान नहिं कोई उपकारी। सब विधि पुरवहु आस हमारी॥

जय जय जगत जननि जगदंबा सबकी तुम ही हो अवलंबा॥

तुम ही हो सब घट घट वासी। विनती यही हमारी खासी॥

जगजननी जय सिन्धु कुमारी। दीनन की तुम हो हितकारी॥

विनवौं नित्य तुमहिं महारानी। कृपा करौ जग जननि भवानी॥

केहि विधि स्तुति करौं तिहारी। सुधि लीजै अपराध बिसारी॥

कृपा दृष्टि चितववो मम ओरी। जगजननी विनती सुन मोरी॥

ज्ञान बुद्घि जय सुख की दाता। संकट हरो हमारी माता॥

क्षीरसिन्धु जब विष्णु मथायो। चौदह रत्न सिन्धु में पायो॥

चौदह रत्न में तुम सुखरासी। सेवा कियो प्रभु बनि दासी॥

जब जब जन्म जहां प्रभु लीन्हा। रुप बदल तहं सेवा कीन्हा॥

स्वयं विष्णु जब नर तनु धारा। लीन्हेउ अवधपुरी अवतारा॥

तब तुम प्रगट जनकपुर माहीं। सेवा कियो हृदय पुलकाहीं॥

अपनाया तोहि अन्तर्यामी। विश्व विदित त्रिभुवन की स्वामी॥

तुम सम प्रबल शक्ति नहीं आनी। कहं लौ महिमा कहौं बखानी॥

मन क्रम वचन करै सेवकाई। मन इच्छित वांछित फल पाई॥

तजि छल कपट और चतुराई। पूजहिं विविध भांति मनलाई॥

और हाल मैं कहौं बुझाई। जो यह पाठ करै मन लाई॥

ताको कोई कष्ट नोई। मन इच्छित पावै फल सोई॥

त्राहि त्राहि जय दुःख निवारिणि। त्रिविध ताप भव बंधन हारिणी॥

जो चालीसा पढ़ै पढ़ावै। ध्यान लगाकर सुनै सुनावै॥

ताकौ कोई न रोग सतावै। पुत्र आदि धन सम्पत्ति पावै॥

पुत्रहीन अरु संपति हीना। अन्ध बधिर कोढ़ी अति दीना॥

विप्र बोलाय कै पाठ करावै। शंका दिल में कभी न लावै॥

पाठ करावै दिन चालीसा। ता पर कृपा करैं गौरीसा॥

सुख सम्पत्ति बहुत सी पावै। कमी नहीं काहू की आवै॥

बारह मास करै जो पूजा। तेहि सम धन्य और नहिं दूजा॥

प्रतिदिन पाठ करै मन माही। उन सम कोइ जग में कहुं नाहीं॥

बहुविधि क्या मैं करौं बड़ाई। लेय परीक्षा ध्यान लगाई॥

करि विश्वास करै व्रत नेमा। होय सिद्घ उपजै उर प्रेमा॥

जय जय जय लक्ष्मी भवानी। सब में व्यापित हो गुण खानी॥

तुम्हरो तेज प्रबल जग माहीं। तुम सम कोउ दयालु कहुं नाहिं॥

मोहि अनाथ की सुधि अब लीजै। संकट काटि भक्ति मोहि दीजै॥

भूल चूक करि क्षमा हमारी। दर्शन दजै दशा निहारी॥

बिन दर्शन व्याकुल अधिकारी। तुमहि अछत दुःख सहते भारी॥

नहिं मोहिं ज्ञान बुद्घि है तन में। सब जानत हो अपने मन में॥

रुप चतुर्भुज करके धारण। कष्ट मोर अब करहु निवारण॥

केहि प्रकार मैं करौं बड़ाई। ज्ञान बुद्घि मोहि नहिं अधिकाई॥

PunjabKesari Mohini Ekadashi

दोहा
त्राहि त्राहि दुख हारिणी, हरो वेगि सब त्रास।

जयति जयति जय लक्ष्मी, करो शत्रु को नाश॥

रामदास धरि ध्यान नित, विनय करत कर जोर।
मातु लक्ष्मी दास पर, करहु दया की कोर॥

PunjabKesari Mohini Ekadashi

लक्ष्मी जी की आरती
ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता।

तुमको निशदिन सेवत हरि विष्णु विधाता।।

ॐ जय लक्ष्मी माता...

उमा, रमा, ब्रह्माणी, तुम ही जगमाता।

सूर्य, चंद्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता।।

ॐ जय लक्ष्मी माता...

दुर्गा रूप निरंजनी, सुख संपत्ति दाता।

जो कोई तुमको ध्यावत, ऋद्धि-सिद्धि धन पाता।।

ॐ जय लक्ष्मी माता...

तुम पाताल निवासनी, तुम ही शुभ दाता।

कर्म प्रभाव प्रकाशनी, भवनिधि की त्राता।।

ॐ जय लक्ष्मी माता...

जिस घर में तुम रहतीं,सब सद्गुण आता।

सब संभव हो जाता, मन नहीं घबराता।।

ॐ जय लक्ष्मी माता...

तुम बिन यज्ञ न होते, वस्तु न कोई पाता।

खान पान का वैभव सब तुमसे आता।।

ॐ जय लक्ष्मी माता...

शुभ्र गुण मंदिर सुन्दर, क्षीरोदधि जाता।

रत्न चतुर्दश तुम बिन कोई नहीं पाता।।
ॐ जय लक्ष्मी माता...

महालक्ष्मी जी की आरती जो कोई नर गाता।

उर आनंद समाता, पाप उतर जाता।।

लक्ष्मी माता की जय, लक्ष्मी नारायण की जय।

PunjabKesari Mohini Ekadashi


 

Related Story

IPL
Royal Challengers Bengaluru

190/9

20.0

Punjab Kings

184/7

20.0

Royal Challengers Bengaluru win by 6 runs

RR 9.50
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!