Edited By Jyoti,Updated: 04 Oct, 2022 11:20 AM
एक खेत में एक विशाल पेड़ था जिस पर दो पक्षी अपने बच्चों के साथ घोंसला बनाकर रहते थे। जब चोगा लेकर शाम को पक्षी लौटे तो उनके बच्चों ने कहा-पिताजी! आज किसान कह रहा था कि कल वह अपने मित्रों की सहायता से पेड़ को काट डालेगा। पक्षी ने हंसते
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एक खेत में एक विशाल पेड़ था जिस पर दो पक्षी अपने बच्चों के साथ घोंसला बनाकर रहते थे। जब चोगा लेकर शाम को पक्षी लौटे तो उनके बच्चों ने कहा-पिताजी! आज किसान कह रहा था कि कल वह अपने मित्रों की सहायता से पेड़ को काट डालेगा। पक्षी ने हंसते हुए कहा-उसके दोस्त कभी उसकी मदद के लिए नहीं आएंगे, इसलिए हमें डरने की जरूरत नहीं है, हम यहां पूर्ण रूप से सुरक्षित हैं।
दूसरे दिन फिर शाम को पक्षी आए तो बच्चों ने कहा-आज किसान अपनी पत्नी से कह रहा था-कल मैं संबंधियों की सहायता से पेड़ को काट डालूंगा। चिड़िया ने कहा-पुत्रो! घबराओ मत, वह स्वयं आलसी है, उसके संबंधी भी उसकी मदद नहीं करेंगे। तीसरे दिन चिडिय़ा के बच्चों ने कहा-कल उसने अपने लड़के को पेड़ काटने के लिए कहा है। चिड़िया ने कहा-तुम चिंता न करो, कुछ भी नहीं होगा।
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चौथे दिन बच्चों ने कहा-कल वह स्वयं पेड़ काटने के लिए आएगा। चिड़िया ने कहा-अब हमें यहां से चलना चाहिए क्योंकि अब वह किसी पर निर्भर नहीं है, इसलिए उसका कार्य शीघ्र ही सम्पन्न हो जाएगा। आत्मनिर्भरता से कार्य शीघ्र ही सम्पन्न हो जाता है, इसलिए अब हमें दूसरे स्थान पर चलना चाहिए।