Edited By Sarita Thapa,Updated: 14 Dec, 2025 04:04 PM

डॉ भीमराव अंबेडकर न केवल एक महान विधिवेत्ता और संविधान निर्माता थे, बल्कि एक गहरे दार्शनिक भी थे।
Dr Ambedkar Motivational Quotes: डॉ भीमराव अंबेडकर न केवल एक महान विधिवेत्ता और संविधान निर्माता थे, बल्कि एक गहरे दार्शनिक भी थे। उनके विचार व्यक्ति को सिर्फ अधिकार दिलाना नहीं, बल्कि उसे एक सार्थक और उद्देश्यपूर्ण जीवन जीने की प्रेरणा देते हैं। उनके दर्शन के मूल में यह निहित है कि मानव जीवन का उद्देश्य केवल व्यक्तिगत सफलता नहीं, बल्कि समाज का उत्थान और आत्म-सम्मान की प्राप्ति है। उनके विचारों से हम जीवन के उद्देश्य के प्रमुख बिंदुओं में समझ सकते हैं।
आत्म-सम्मान और गरिमा की प्राप्ति
डॉ अंबेडकर के अनुसार, जीवन का सबसे पहला और महत्वपूर्ण उद्देश्य आत्म-सम्मान है। वे मानते थे कि किसी भी व्यक्ति का जीवन तब तक अधूरा है जब तक उसे समाज में समानता और सम्मान के साथ जीने का अवसर न मिले। आत्म-सम्मान सबसे बहुमूल्य निधि है। इसके बिना व्यक्ति महत्वहीन है। आपको हमेशा आत्म-सम्मान के साथ जीने की कोशिश करनी चाहिए। यह हमें सिखाता है कि जीवन में संघर्ष करना ज़रूरी है, लेकिन वह संघर्ष हमेशा अपनी और दूसरों की गरिमा को सुरक्षित करने के लिए होना चाहिए।
शिक्षा, आंदोलन और संगठन
डॉ अंबेडकर ने जीवन के उद्देश्य को प्राप्त करने का एक त्रिसूत्रीय मंत्र दिया: 'शिक्षित बनो, संगठित रहो और संघर्ष करो।
शिक्षित बनो
ज्ञान प्राप्त करना जीवन का आधार है। शिक्षा वह मार्ग है जो अंधविश्वास और रूढ़िवादिता के बंधनों को तोड़कर व्यक्ति को सोचने और समझने की शक्ति देती है।
संगठित रहो
अकेले लड़ने से बेहतर है कि उद्देश्य की प्राप्ति के लिए एकजुट हुआ जाए। संगठित शक्ति ही समाज में बड़े बदलाव ला सकती है।

संघर्ष करो
अन्याय के विरुद्ध खड़े रहना और बदलाव लाने के लिए प्रयास करना जीवन का अनिवार्य हिस्सा है। निष्क्रियता मृत्यु के समान है; न्याय के लिए सक्रिय प्रयास ही जीवन का उद्देश्य है।
सामाजिक सुधार और न्याय
डॉ अंबेडकर के लिए, व्यक्तिगत विकास का कोई अर्थ नहीं था अगर वह समाज के उत्थान से न जुड़ा हो।
"मेरा जीवन उस समाज को बेहतर बनाने में लगा है, जिसे मैं अपना मानता हूं।"
उनके विचारों के अनुसार, जीवन का उद्देश्य यह है कि हम एक ऐसे समाज के निर्माण में योगदान दें जहाँ सभी को समान अवसर मिलें, अंधविश्वास और भेदभाव न हो। अपने लिए जीना नहीं, बल्कि सामूहिक न्याय के लिए जीना ही वास्तविक जीवन है।
अंधविश्वास से मुक्ति और तर्क की शक्ति
वे हमेशा वैज्ञानिक सोच और तर्क पर बल देते थे। उनके अनुसार, एक उद्देश्यपूर्ण जीवन वही है जो अंधविश्वास की बेड़ियों से मुक्त हो और हर बात को तर्क की कसौटी पर परखे। जीवन का उद्देश्य यह जानना है कि क्या सही है और क्या ग़लत, और फिर निर्भीकता से सही का समर्थन करना है, भले ही इसके लिए अकेले खड़ा होना पड़े।
