Edited By Prachi Sharma,Updated: 03 Jan, 2024 08:15 AM
एक धनी व्यक्ति का एकमात्र पुत्र था पर ज्यादा लाड़-प्यार के कारण वह बिगड़-सा गया था। उसको सीख देने के लिए उसके पिता ने एक युक्ति लगाई। उन्होंने उसे बुलाकर कहा, “अब से
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Motivational Story: एक धनी व्यक्ति का एकमात्र पुत्र था पर ज्यादा लाड़-प्यार के कारण वह बिगड़-सा गया था। उसको सीख देने के लिए उसके पिता ने एक युक्ति लगाई। उन्होंने उसे बुलाकर कहा, “अब से जब तक तुम कमाकर नहीं लाओगे, तब तक खाना नहीं मिलेगा।”
लड़का बड़ा घबराया और अपनी मां के पास गया। मां को उसकी स्थिति पर दया आ गई और उन्होंने उसे एक रुपया दे दिया।
उसने वह रुपया लाकर पिता को दिया तो उसके पिता बोले, “जा, इसे कुएं में फैंक आ।”
लड़का खुशी-खुशी गया और रुपए को कुएं में फैंक आया।
अगले दिन भी उसके पिता ने उसे ऐसा ही कहा तो फिर अपने मामा जी से एक रुपया मांग लाया, उस रुपए को भी उसके पिता ने कुएं में फिंकवा दिया।
तीसरे दन भी उसके पिता ने उसे वैसा ही करने को कहा तो वह अपने चाचा जी के पास से एक रुपया मांग लाया परन्तु उसके पिता ने वह रुपया भी कुएं में फिंकवा दिया।
एक हफ्ते तक ऐसा ही क्रम चला। फिर संबंधियों को उसकी याचना पर दया आनी बंद हो गई तो वह अंतत: मेहनत करने निकला। कड़ी मेहनत करने के पश्चात उसे चवन्नी मिली तो वह उसे लेकर पिता के समक्ष प्रस्तुत हुआ तो उन्होंने उसे वह पैसे कुएं में फैंकने को कहा। यह सुनकर लड़का बड़े अनमने भाव से बोला, “पिता जी मैं इतनी मेहनत करके पैसे लाया हूं और आप इन्हें फैंकने को कहते हैं।”
यह सुनकर उसका पिता मुस्काराया और उसने अपने पुत्र को हृदय से लगा लिया और उससे बोले, “पुत्र ! अब तुझे परिश्रम से कमाए धन का मूल्य समझ में आ गया। अब तू मेरा व्यापार संभाल सकता है।” स्वयं कमाए गए धन का मूल्य ही कुछ और होता है।