Edited By Niyati Bhandari,Updated: 14 Sep, 2025 02:00 PM

घर की एकता
बच्चों के झगड़ों में बड़ों को और सास-बहू के झगड़ों में बाप-बेटे को कभी नहीं पड़ना चाहिए। संभव है कि दिन में सास-बहू में कुछ कहा सुनी हो जाए तो स्वाभाविक है कि इसकी शिकायत रात घर लौटे
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घर की एकता
बच्चों के झगड़ों में बड़ों को और सास-बहू के झगड़ों में बाप-बेटे को कभी नहीं पड़ना चाहिए। संभव है कि दिन में सास-बहू में कुछ कहा सुनी हो जाए तो स्वाभाविक है कि इसकी शिकायत रात घर लौटे अपने पति से करेंगी। पतियों को उनकी शिकायत गौर से सुननी चाहिए, सहानुभूति भी दिखानी चाहिए। मगर सुबह जब सोकर उठें तो आगे पाठ-पीछे सपाट की नीति ही अपनानी चाहिए। तभी घर की एकता कायम रह सकती है।

दो पुण्य जरूर करें
लक्ष्मी पुण्याई से मिलती है। मेहनत से मिलती हो तो मजदूरों के पास क्यों नहीं? बुद्धि से मिलती हो तो पंडितों के पास क्यों नहीं ? जिंदगी में अच्छी संतान, सम्पत्ति और सफलता पुण्य से मिलती है। अगर आप चाहते हैं कि आपका इहलोक और परलोक सुखमय रहे, तो पूरे दिन में कम से कम दो पुण्य जरूर करिए क्योंकि जिंदगी में सुख, सम्पत्ति और सफलता पुण्याई से मिलती है।

आदत न बनने देना
आदत कैसी भी हो, बुरी है। मंदिर जाना, मंत्र जाप करना, सत्संग सुनना इन्हें भी आदत मत बनने देना क्योंकि जिस दिन ये आदत बन जाएंगे, तो फिर जीवन-रूपांतरण की कोई गुंजाइश नहीं रहेगी। अगर चाय पीना तुम्हारी आदत बन गई है, तो वह शराब पीने जैसी खतरनाक है और अगर शराब पीना आदत बन गई है, महज शौक से पीते हो तो वह चाय पीने जैसी है क्योंकि अभी भी तुम्हारी खुद पर मिल्कियत कायम है। शराब मालिक बन कर पियो तो ज्यादा खतरनाक नहीं है, इसके गुलाम हुए तो गए काम से।
