Edited By Niyati Bhandari,Updated: 30 Mar, 2023 11:31 AM

श्रमणसंघ के द्वितीय अनुशास्ता आचार्य सम्राट पूज्य श्री आनंद ऋषि जी महाराज का 31वां पुण्य स्मृति दिवस एस.एस. जैन संघ अर्बन एस्टेट करनाल के तत्वावधान में तथा युगपुरुष उप-प्रवर्तक श्री सुभाष मुनि जी महाराज के सान्निध्य में श्रद्धा भक्ति से मनाया गया।
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करनाल (स.ह.): श्रमणसंघ के द्वितीय अनुशास्ता आचार्य सम्राट पूज्य श्री आनंद ऋषि जी महाराज का 31वां पुण्य स्मृति दिवस एस.एस. जैन संघ अर्बन एस्टेट करनाल के तत्वावधान में तथा युगपुरुष उप-प्रवर्तक श्री सुभाष मुनि जी महाराज के सान्निध्य में श्रद्धा भक्ति से मनाया गया। इस अवसर पर प्रवचन दिवाकर श्री सुधीर मुनि जी महाराज ने कहा कि आचार्य देव सही मायने में आचार्यत्व के गुणों से सम्पन्न थे।
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उन्होंने व्यक्तिगत अपेक्षाओं को गौण कर धैर्य व दूरदर्शिता के साथ श्रमणसंघ का चहुंमुखी विकास किया तथा तत्कालीन जन मानस के श्रद्धेय व वंदनीय बने। संपूर्ण भारतवर्ष की पदयात्रा करते हुए उन्होंने भगवान महावीर के सिद्धांतों का प्रचार व प्रसार किया। इस मौके पर साध्वी डॉ. अर्चना जी महाराज ने कहा कि आचार्य भगवन श्रुत व शील के आगार थे। प्रतिभा सम्पन्न दिव्य महापुरुष ने अपनी योग्यता व पात्रता के आधार पर नवकार महामंत्र के 3 पदों का स्पर्श कर श्रमणसंघ के उपाध्याय, प्रधानमंत्री व आचार्य सम्राट बने।
अपने कुशल नेतृत्व द्वारा श्रमण संघ को नवीन आयाम व नवीन दृष्टि प्रदान की। लगभग 1300 संत-साध्वियों के लिए उन्होंने ‘पाथडी बोर्ड’ अहमदनगर महाराष्ट्र के माध्यम से विद्यार्जन का मार्ग प्रशस्त किया तथा ज्ञान प्राप्ति हेतु संतों को प्रेरित किया। साध्वी माधवी जी महाराज व न्यू जैन महिला मंडल ने भजनों का समां बांधते हुए आचार्य देव की स्तुति की। श्री पदम प्रकाश अरविंद जैन पूर्व प्रधान एस.एस. जैन संघ ने प्रभावना का लाभ लिया। मंच संचालन महामंत्री कृष्ण जैन ने किया।
