Sakat Chauth 2025: 16 या 17 जनवरी जानें, संतान की सलामती के लिए किस दिन रखा जाएगा सकट चौथ का व्रत

Edited By Updated: 12 Jan, 2025 07:09 AM

sakat chauth 2025

सकट चौथ व्रत जिसे तिल चौथ भी कहा जाता है। हिंदू धर्म में यह पर्व महिलाओं द्वारा बड़े श्रद्धा भाव से रखा जाता है। यह व्रत विशेष रूप से संतान सुख की प्राप्ति, घर में सुख-शांति और समृद्धि के लिए

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Sakat Chauth 2025: सकट चौथ व्रत जिसे तिल चौथ भी कहा जाता है। हिंदू धर्म में यह पर्व महिलाओं द्वारा बड़े श्रद्धा भाव से रखा जाता है। यह व्रत विशेष रूप से संतान सुख की प्राप्ति, घर में सुख-शांति और समृद्धि के लिए किया जाता है। इसे माघ माह की कृष्ण पक्ष की चौथ को मनाया जाता है। इस दिन महिलाएं भगवान गणेश की पूजा करती हैं। इस दिन विशेष रूप से तिल, गुड़, तिल के लड्डू आदि का महत्व होता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार अगर कोई महिला संतान सुख की इच्छा रखती है और वह नियमित रूप से सकट चौथ व्रत करती है, तो उसे संतान सुख प्राप्त होता है। तो चलिए जानते हैं वर्ष 2025 में सकट चौथ का व्रत कब रखा जाएगा।

Sakat Chauth Date सकट चौथ तिथि 2025
हिन्दू कैलंडर के अनुसार सकट चौथ की शुरुआत सुबह 4 बजकर 6 मिनट पर होगी और अगले दिन 18 जनवरी को सुबह 5 बजकर 30 मिनट पर इसका समापन हो जाएगा। इसके मुताबिक 17 जनवरी शुक्रवार के दिन ये व्रत रखा जाएगा।

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Sakat Chauth Auspicious Yoga सकट चौथ शुभ योग 2025
इस बार सकट चौथ का व्रत बेहद ही खास होने वाला है क्योंकि इस दिन ज्योतिष गणना के अनुसार सौभाग्य योग बन रहा है। इस अलावा इस दिन मघा नक्षत्र पर बव, बालव करण का संयोग रहेगा। इस योग पर पूजा करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है।

Importance of Sakat Chauth fast सकट चौथ व्रत का महत्व
सकट चौथ व्रत का प्रमुख उद्देश्य परिवार में सुख-समृद्धि लाना और विशेष रूप से संतान सुख की प्राप्ति है। यह व्रत विशेष रूप से महिलाएं संतान सुख और घर की खुशहाली के लिए करती हैं। इसके अलावा, यह व्रत गणेश जी की पूजा से जुड़ा हुआ है। गजानन हर प्रकार की बाधाओं को दूर करने वाले और सभी कार्यों को सिद्ध करने वाले भगवान हैं। इस दिन गणेश जी की पूजा से जीवन में सुख, समृद्धि और परिवार में सुख-शांति बनी रहती है।

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Sakat Chauth Vrat Puja Vidhi सकट चौथ व्रत पूजा विधि

पूजा से पहले अच्छे से स्नान कर शुद्ध हो जाएं। सफेद या हल्के रंग के वस्त्र पहनना शुभ माना जाता है।

पूजा के लिए तिल, गुड़, तिल के लड्डू, फल, फूल, दीपक, धूप, और लाल चंदन का उपयोग करें।

सबसे पहले एक लकड़ी की चौकी पर लाल कपड़ा बिछा कर उस पर भगवान गणेश की प्रतिमा रखें। अगर प्रतिमा नहीं है, तो चित्र का भी प्रयोग कर सकते हैं। इसके बाद गणेश जी के सामने दीपक लगाएं और धूप जलाएं।

फिर तिल, गुड़ और तिल के लड्डू गणेश जी को अर्पित करें। यह विशेष रूप से इस दिन का प्रमुख भोग है।

गणेश जी की पूजा करते समय ॐ गण गणपति नमः और ॐ श्री गणेशाय नमः मंत्र का जाप करें।

धन-दौलत में बढ़ोतरी के लिए अपने घर के मंदिर में गजानन के सामने श्री यंत्र स्थापित करें और उसके ऊपर दो सुपारी रखें। इसके बाद लाल कपड़े में बांधकर  तिजोरी या धन स्थान पर रख दें। 
इस दिन व्रत कथा सुनना या पढ़ना महत्वपूर्ण माना जाता है। यह कथा भगवान गणेश के साथ-साथ इस दिन के महत्व और उसकी कृपा पर आधारित होती है। इस कथा को पूरी श्रद्धा और ध्यान से सुनना चाहिए, ताकि व्रत का पूर्ण फल प्राप्त हो सके।

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